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Shimla में गरजेंगे विद्युत बोर्ड के कर्मचारी , प्रबंधन के खिलाफ होगा उग्र आंदोलन-जाने क्यों
रविन्द्र चौधरी/ फतेहपुर। विद्युत विभाग में आउटसोर्स पर कार्य कर रहे कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखाने पर विद्युत कर्मचारी यूनियन (vidyut karmachaaree sangh) भड़क गई है। यूनियन ने विद्युत बोर्ड प्रबंधन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। बुधवार को हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत कर्मचारी यूनियन (Himachal Pradesh State Electricity Employees Union) की यूनिट फतेहपुर, ज्वाली, इंदौरा व नूरपुर की संयुक्त बैठक फतेहपुर के मोच स्थित 132 केबी सब स्टेशन पर राज्य वरिष्ठ उपाध्यक्ष पवन मोहल एवं जिला संगठन सचिव अश्वनी ठाकुर की अध्यक्षता में संपन्न हुई। जिसमें गत 25 फरवरी को विद्युत बोर्ड प्रबंधन (Board Management) द्वारा जारी तुगलकी फरमान पर रोष प्रकट करते हुए बोर्ड प्रबंधन के खिलाफ मोर्चा खोलने पर रणनीति बनाई गई। इस दौरान पवन मोहल ने बताया बोर्ड प्रबंधन द्वारा गत 25 फरवरी को विद्युत विभाग में 1552 नई भर्तियां की हैं। जिसका यूनियन स्वागत करती है। लेकिन दूसरी तरफ आठ से दस सालों से ड्यूटी देने वाले करीब 1244 आउटसोर्स कर्मियों को बाहर निकालने के फरमान जारी किए हैं। जिन्हें यूनियन कई बर्दाश्त नहीं करेगी।
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पवन मोहल ने बताया कि लंबे समय से सेवा दे रहे इन आउटसोर्स कर्मचारियों (Outsourced employees) में कुछ की तो ड्यूटी के दौरान मृत्यु भी हो चुकी है और कई अपंग हो चुके हैं। ऐसे लोगों को बाहर का रास्ता दिखाना न्यायसंगत नहीं है। वहीं यूनियन के जिला संगठन सचिव अश्वनी ठाकुर ने बताया कि अगर बोर्ड प्रबंधन अपने जारी किए गए तुगलकी फरमान को वापस नहीं लेता है तो यूनियन 30 मार्च को कुमार हाऊस शिमला में विशाल प्रदर्शन करेगी। उन्होंने कहा कि पिछले डेढ साल से सर्विस कमेटी की मीटिंग (Service Committee Meeting) ना हो पाना भी बोर्ड प्रबंधन की लापरवाही को दर्शाता है। बैठक ना होने के चलते ही कई ऐसे मुद्दे हैं जिन पर चर्चा नही हो पा रही है। उन्होंने कहा कि 15 नवंबर 2019 को 7 घंटे चली बैठक में लिए फैसलों को भी तक धरातल पर नहीं उतारा गया है।