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आजकल आरामदायक जिंदगी (Life) के हमारे शरीर के कई ऐसे अंग हैं, जिनका काम अब नामात्र रह गया है। क्या आपको पता है हमारे शरीर (Body) में कितनी हड्डियां और अंग है। यह तो सबको पता है कि हमारे शरीर में कुल 206 हड्डियां (Bones) है पर अंगों के बारे में लोग कम ही जानते हैं। हम आपको बता दें कि हमारे शरीर में 78 अंग होते हैं, लेकिन आधुनिकता के इस युग में हमारे में कुछ ऐसे अंग है, जिनका काम बहुत कम रह गया है।
कई बार संक्रमण (Infection) फैलने पर डॉक्टर इन्हें ऑपरेशन से निकाल भी देते हैं, परंतु पुराने समय में इन अंगों का इस्तेमाल बहुत ज्यादा हुआ करता था। तब लोग ऑपरेशन नाम से ही डर जाया करते थे। अंग निकालना दूर की बात हुआ करती थी। आइए जानते हैं उन अंगों के बारे में जिनका काम अब ना के बराबर रह गया है।
रीढ़ की हड्डी के सबसे निचले हिस्से को टेल बोन (Tailbone) कहते हैं। इसे पूंछ का अवशेष माना जाता है। जीव विज्ञानी मानते हैं कि पुरातन काल में ये पेड़ पर चढ़ने समय संतुलन बनाने के काम आती थी, जैविक विकास के बाद मानव शरीर में इसका कोई काम नहीं है।
यह अंग छोटी और बड़ी आंत के बीच में स्थित होता है। वर्तमान में इसे अवशेषी अंग माना जाता है। कई बार पेट में संक्रमण या सूजन आने पर चिकित्सक सर्जरी (Surgery) कर इसे निकालने की सलाह देते हैं। जीव विज्ञानी मानते हैं कि अपेंडिक्स में गुड बैक्टीरिया (Good Bacteria) होते हैं। पुराने समय में जब मनुष्य बिना पका भोजन, घास या निम्न गुणवत्ता वाले पदार्थ खाता था, जिसे पचाने में अपेंडिक्स मददगार था।
ऑरिक्यूलर मांसपेशियां (Auricular Muscles) अब हमारे किसी काम की नहीं, बिल्ली और घोड़े जैसे जीवों में ये मांसपेशियां कान हिलाने के काम आती हैं। जीव विज्ञानी मानते हैं कि इनसे शिकारियों का पता लगाने व अन्य तरह की आवाजों को समझने में मदद मिलती थी।
मानव शरीर में अकल दाढ़ (Wisdom Molar) का भी अब कोई उपयोग नहीं है। ऐसा माना जाता है कि कि पुरातन काल में कच्चा गोश्त या बिना पका भोजन चबाने के लिए इसकी आवश्यकता रही होगी, लेकिन वर्तमान में नरम और पका हुआ भोजन चबाने में किसी प्रकार की मेहनत नहीं करनी होती।
यह रिफ्लेक्स सिर्फ छह माह तक के बच्चों में ही पाया जाता है, लेकिन वर्तमान में इसका कोई उपयोग नहीं है। पुरातन वक्त में ये तब काम आता था जब माता अपने बच्चे को बदन से चिपका कर चलती होगी। नवजात अंगुली इतनी मजबूती से पकड़ता है कि उसे उसी अंगुली के सहारे उठाया जा सकता है। वह पामर ग्रास्प रिफ्लेक्स के कारण ही है।
शरीर से निकलने वाले पित्त को ये धारण करता है। पित्त शरीर के पाचन तंत्र को नियंत्रित रखता है, लेकिन कई बार इसमें पथरी की समस्या हो जाती है और चिकित्सक सर्जरी कर इसे निकालने की सलाह देते हैं। इससे शरीर पर कोई फर्क नहीं पड़ता।
गालों के अंदरुनी हिस्से को टॉन्सिल कहते हैं ये अकल दाढ़ के पास होता है। जीव विज्ञानी ऐसा मानते हैं कि ये गले की एक प्रतिरक्षा कोशिका है जो श्वसन संक्रमण से लड़ने में मदद करती है, लेकिन कई बार संक्रमण होने की वजह से इनमें सूजन आ जाती हैं और तेज दर्द होता है। ऐसे में डॉक्टर इन्हें हटवाने की सलाह देते हैं।
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