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हिमाचल में हर पांचवां आदमी बेरोजगार; Lockdown में टूटी पहाड़ी अर्थव्यवस्था की कमर
Last Updated on August 12, 2020 by Deepak
शिमला। इस साल में मार्च के महीने से ही कोरोना की मार झेल रहे हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) की अर्थव्यवस्था पर इस महामारी का बेहद ही बुरा प्रभाव पड़ा है। वहीं, हिमाचल प्रदेश में लॉकडाउन (Lockdown) खुलने के बाद बेरोजगारी दर में तेज गिरावट दर्ज की गई थी, लेकिन यह एक बार फिर बढ़ती हुई दिखाई पड़ रही है। सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनोमी के मुताबिक इस समय हिमाचल में बेरोजगारी दर (Unemployment rate) 18.6 फीसदी हो गई है। इसका सीधा सा मतलब ये हुआ कि हिमाचल में लगभग हर पांचवां आदमी बेरोजगार है।
हरियाणा और दिल्ली के बाद हिमाचल में सबसे ज्यादा बेरोजगारी
वहीं, देश के अन्य राज्यों के बेरोजगारी दर से तुलना करने पर हिमाचल इस मामले में हरियाणा (Haryana) और दिल्ली (Delhi) के तीसरे स्थान पर आता है। हरियाणा में जहां 24.5 फीसदी बेरोजगारी दर दर्ज की गई है। देश की राजधानी दिल्ली में 20.3 फीसदी बेरोजगारी दर रिकॉर्ड की गई है। अब अगर हम पूरे देश कि बेरोजगारी दर की बात करें तो वो 7.93 प्रतिशत है। ग्रामीण क्षेत्रों की तुलना में शहरी क्षेत्र में बेरोजगारी ज्यादा है। इस समय शहरी क्षेत्र में बेरोजगारी दर 9.65 फीसदी और ग्रामीण क्षेत्र में 7.13 फीसदी हो गई है।
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कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय भी लोगों को स्किल करने और रोजगार उपलब्ध कराने के प्रयास कर रहा है, लेकिन सीएमआईई के आंकड़ों से इसकी तालमेल बैठती नहीं दिखाई दे रही है। कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय से प्राप्त आंकड़ों के मुताबिक अपने तमाम केंद्रों के जरिए लाखों युवाओं को दक्ष बनाया जा रहा है। जन शिक्षण संस्थान योजना के तहत 4.10 लाख लोगों को 2019-20 में प्रशिक्षित किया गया है। कृषि क्षेत्र में रोजगार को बढ़ावा देने के लिए 3.42 लाख लोगों को विशेष कृषि के तरीके सिखाए गये हैं। देश में आईटीआई संस्थानों की संख्या लगभग 15 हजार पहुंच चुकी है। इसमें 5000 आईटीआई संस्थानों को पिछले पांच सालों के अंदर ही स्थापित किया गया है।