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सोलन। हिमाचल में पांच बच्चे खेलते-खेलते ट्रेन (Train) में चढ़ गए और 96 किलोमीटर का सफर तय कर कालका (Kalka) से शिमला (Shimla) पहुंच गए। कालका के रहने वाले 12 वर्ष से लेकर दो वर्ष तक के यह बच्चे शिमला रेलवे स्टेशन (Shimla Railway Station) पर पहुंच कर अनजान लोगों को देखकर रोने लगे। इन पांच बच्चों में एक लड़का और 4 लड़कियां शामिल थे। सबसे बड़ी लड़की की उम्र 12 वर्ष बताई जा रही है। जबकि अन्यों लड़कियों की उम्र सात, तीन व दो वर्ष बताई जा रही है। जबकि लड़का चार साल का है। घर से लापता (Missing) हुए बच्चों की जानकारी मिलते ही परिजन बेहाल हो गए और उनकी तलाश शुरू कर दी। घटना मंगलवार की है।
बताया जा रहा है कि 25 मई को मध्य रात्रि को यह बच्चे शिमला रेलवे स्टेशन पर पुलिस को घूमते हुए मिले। आधी रात को ऐसे अकेले घूम रहे बच्चों को देख कर पुलिस ने इनसे पूछताछ की तो यह सभी कालका का ही नाम बता रहे थे। जिसके बाद पुलिस ने बच्चों की सूचना चाइल्ड वेलफेयर कमेटी (Child Welfare Committee), हरियाणा स्टेट क्राइम ब्रांच एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग को दी। टीम के सदस्यों ने सूचना मिलने के बाद परिवार की तालाश की और बच्चों को तीन दिन बाद उनके परिजनों से मिलवाया।
हरियाणा स्टेट क्राइम ब्रांच एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग सेल के एएसआई राजेश कुमार ने कहा कि यह पांच बच्चे कालका से लापता हुए थे। इनकी सूचना चाइल्ड वेलफेयर कमेटी के माध्यम से उन्हें मिली। सूचना मिलते ही टीम के सदस्यों ने इनके परिवार को तालाश किया और उसके तुरंत बाद चाइल्ड वेलफेयर कमेटी के आदेशानुसार बच्चों को परिवार के सुपुर्द कर दिया। उन्होंने कहा कि यह पांच बच्चे में चार लड़कियां और एक लड़का है। इन बच्चों के परिजन कालका श्मशान घाट के समीप रहते हैं। बच्चों की माता और बुआ ने बताया कि यह बच्चे दिन में यहीं पर खेलते थे। लेकिन यह नहीं पता बाद में कैसे शिमला पहुंच गए। सीडब्ल्यूसी के आदेश पर पांचों बच्चों को परिवार को सौंप दिया गया है।
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