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शिमला। तेज-तर्रार वन मंत्री राकेश पठानिया (Rakesh Pathania) ने साफ कर दिया है कि उन्हें वन विभाग की कार्यशैली को समझने में एक सप्ताह का समय लगेगा,उसके बाद विभाग को किस तरह से आगे ले जाना है उस पर काम किया जाएगा। उन्होंने ये भी कहा है कि वन विभाग बहुत बड़ा महकमा है जिसको रोजगार के साथ जोड़ने की कोशिश की जाएगी,ताकि प्रदेश के बेरोजगार को रोजगार (Employment) मिल सके।
वन मंत्री (Forest Minister) का पदभार ग्रहण करने के बाद राकेश पठानिया पहली बार वन मुख्यालय पहुंचे थें,इसी दौरान उन्होंने ये बातें अनौपचारिक बातचीत में कही हैं। वन मुख्यालय (Forest headquarters) में उन्होंने वन अधिकारियों के साथ बैठक की।
सभी अधिकारियों का परिचय लेने के बाद पठानिया ने वन विभाग की कार्य प्रणाली को समझने की कोशिश की। नूरपुर विधानसभा क्षेत्र से तीसरी मर्तबा जीत दर्ज करवाने वाले पठानिया को हाल ही में जयराम कैबिनेट में शामिल किया गया है। पठानिया ने शपथ लेने के तत्काल बाद पहले पालमपुर आकर पूर्व सीएम शांता कुमार उसके बाद हमीरपुर पहुंचकर प्रेम कुमार धूमल का आशीर्वाद लिया।
पठानिया ने कहा कि वनों की सुरक्षा एक महत्वपूर्ण मुद्दा है तथा वन रक्षकों को हथियार (Forest guards weapon) उपलब्ध करवाना आवश्यक है। वन विभाग के कर्मचारियो को हथियार उपलब्ध करवाने की नीति में भी आवश्यक बदलाव किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि विभाग के मुख्यालय एवं क्षेत्रीय कार्यलयों में कंट्रोल रूम बनाए जाएंगें, जिनके माध्यम से वनों में होने वाली विभिन्न गतिविधियों की निगरानी की जाएगी। वन मंत्री ने वन्य प्राणी प्रभाग द्वारा वानर नसबंदी कार्य की भी सराहना करते हुए कहा कि वानर समस्या से और अधिक प्रभावी ढंग से निपटने की आवश्यकता है। पठानिया ने कहा कि विभागीय अधिकारी एक टीम भावना से कार्य कर रहे हैं और वे भी पूरे समर्पण के साथ विभाग को आगे ले जाने के लिए कार्य करेंगे। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश एक हरित प्रदेश है जहां ईको.टूरिज्म की व्यपाक संभावनाएं हैं, जिसका दोहन पर्यावरण संरक्षण को ध्यान में रखकर करने की आवश्यकता है।
पठानिया ने कहा कि प्रदेश में आने वाले पर्यटकों (Tourists) को प्रदूषण मुक्त वातावरण मिले, इसके लिए हमें प्रयास करने चाहिए। इसके लिए पर्यावरण के अनुकूल गतिविधियों जैसे सौर उर्जा, हरित उर्जा के उपयोग आदि को बढ़ावा दिया जाएगा। नदियों के कैचमेंट क्षेत्रों में चैकडैम इत्यादि जैसी गतिविधियों को प्रोत्साहित किया जाएगा। छोटे-छोटे चैक डैमों के निर्माण को प्राथमिकता दी जाएगी, जिससे वर्षा का पानी अधिक समय तक जमीन में रहे व इसकी उत्पादकता को बढ़ाए। उन्होंने कहा कि भू.कटाव वनों को हानि पहुंचाने का मुख्य कारण है जिस पर रोक लगाने के लिए कदम उठाए जाने चाहिए। उन्होंने कहा कि स्थानीय लोगों एवं किसानों को इस तरह की गतिविधियों से जोड़ने को प्रथमिकता दी जाएगी जिससे उन्हें रोजगार के अवसर भी प्राप्त हो सकेंगे। इससे पहले अजय कुमार प्रधान मुख्य अरण्यपाल, पीसीसीएफ वन ने विभाग की गतिविधियों की जानकारी दी। डाॅ सविता प्रधान मुख्य अरण्यपाल वन्य प्राणी ने भी वन्य प्राणी प्रभाग के कार्यों के बारे में प्रस्तुति दी।
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