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मोटी सैलरी की नौकरी छोड़ एनआईटी हमीरपुर के इंजीनियर ने खेती में किया यह कमाल
Last Updated on March 13, 2022 by sintu kumar
जोगिंद्रनगर। आजकल के युवा जहां सरकारी या प्राइवेट नौकरी के पीछे पड़े हुए हैं, वहीं कुछ युवा अच्छी खासी नौकरी को छोड़कर स्वरोजगार (Self Employed) की ओर मुड़ रहे है। इसके साथ ही औरों को भी रोजगार दे रहे हैं। ऐसा ही कुछ 42 वर्षीय नवीन शर्मा ने भी कर दिखाया है। राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (NIT) हमीरपुर से इंजीनियरिंग (Engineering) की शिक्षा लेने वाले नवीन शर्मा ने कॉर्पोरेट सेक्टर (Corporate Sector) की ऊंची तनख्वाह वाली नौकरी छोड़कर हाइड्रोपोनिक्स (Hydroponics) तरीके से खेती करने का फैसला लिया। आज नवीन प्रतिमाह 50 से 60 हजार रुपए कमा रहे हैं। यानी उनका सालाना पैकेज (Annual Package) करीब 7 लाख रुपए हैं।
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युवाओं के लिए बने मिसाल, दूसरों को भी दे रहे रोजगार
नवीन लाखों युवाओं के लिए प्रेरणास्रोत भी बने हैं। 500 वर्ग मीटर क्षेत्र में स्थापित हाइड्रोपोनिक्स पॉलीहाउस (Hydroponics Polyhouse) के माध्यम से नवीन शर्मा न केवल अच्छी कमाई कर पा रहे हैं, बल्कि दो युवाओं को सीधा रोजगार भी प्रदान किया है। हाइड्रोपोनिक्स तरीके से खेती करने वाले नवीन शर्मा न केवल जोगिंद्ररनगर क्षेत्र के ऐसे पहले किसान हैं, जिन्होंने क्षेत्र में भविष्य की खेती की नींव भी रखी है। नवीन शर्मा हाइड्रोपोनिक्स खेती व्हाइट कॉलर खेती की संज्ञा भी देते हैं। हाइड्रोपोनिक्स खेती (Hydroponic Farming) का कार्य शुरू करने से पहले नवीन शर्मा 15 वर्ष तक कई बहुराष्ट्रीय कंपनियों में देश व देश के बाहर जॉब कर चुके हैं तथा उन्हे अच्छा पैकेज भी मिल रहा था, लेकिन अब उन्होने स्वरोजगार को ही आगे बढ़ने का माध्यम बनाया है तथा पिछले तीन.चार वर्षों से इस दिशा में वे आगे बढ़ रहे हैं।
नवीन शर्मा ने बताया कि वे पिछले एक साल से जोगिन्दर नगर के ऐहजू में हाइड्रोपोनिक विधि से खेती कर रहे हैं तथा उन्हें प्रतिमाह औसतन 50 से 60 हजार रुपए की शुद्ध आय हो रही है। नवीन शर्मा ने पॉलीहाउस में लैट्यूस, चेरी टोमैटो, शिमला मिर्च, स्ट्रॉबेरी, केल, धनिया, मिर्च, टमाटर (Tomato) इत्यादि फसलें नियमित अंतराल के बाद तैयार कर रहे हैं। उनकी यह तैयार फसलें पालमपुर, कांगड़ा, धर्मशाला, मैक्लोडगंज इत्यादि स्थानों में आसानी से बिक रही हैं तथा उन्हें अच्छे दाम भी प्राप्त हो रहे हैं। उनका कहना है कि तैयार लैट्यूस 400 से 450 रुपए प्रति किलोग्राम की दर से बाजार में बिक रहा है तो वहीं चेरी टोमैटो 300 से 350, जबकि बेसिल तुलसी 400 रुपए प्रति किलोग्राम की दर से दाम प्राप्त हो रहे हैं।
इसके अलावा स्ट्रॉबेरी, शिमला मिर्च (Capsicum) व धनिया इत्यादि के भी अच्छे दाम प्राप्त हो रहे हैं। नवीन शर्मा कहते हैं कि हाइड्रोपोनिक्स खेती की एक ऐसी आधुनिक तकनीक है जिसमें केवल पानी का ही इस्तेमाल होता है। साथ ही पारंपरिक खेती के मुकाबले हाइड्रोपोनिक्स से पानी की लगभग 90 फीसदी तक बचत भी होती है। उनका कहना है कि वे पौधों की नर्सरी भी स्वयं तैयार करते हैं तथा पौधे तैयार होते ही उन्हे स्थापित पाइपों में रोप दिया जाता है। इसके बाद पाइपों के माध्यम से पानी की सप्लाई द्वारा सभी तरह के पोषक तत्व पौधों को दिये जाते हैं। पॉलीहाउस निर्माण को 5ण्18 लाख तो 3 लाख का सरकारी उपदान हाइड्रोपोनिक्स सेटिंग को मिला है।
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