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#Corona_Positive महिला सुसाइड मामले पर HC ने लिया संज्ञान: पूछा- क्या कार्यवाही हुई
Last Updated on September 25, 2020 by Deepak
शिमला। हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट (Himachal Pradesh High Court) ने जिला शिमला के रिपन अस्पताल में कोरोना संक्रमित महिला आत्महत्या (Corona Positive Women Suicide) मामले में संज्ञान ले लिया है। हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से पूछा है कि उन्होंने इस मामले में अभी तक क्या कार्यवाही की है। चीफ जस्टिस लिंगप्पा नारायण स्वामी व जस्टिस अनूप चिटकारा की डबल बेंच ने कोर्ट के नाम लिखे पत्र पर संज्ञान लेते हुए उपरोक्त आदेश दिए। गौरतलब है कि मंगलवार को चौपाल की रहने वाली 54 वर्षीय महिला ने कोरोना संक्रमित महिला ने शिमला के रिपन अस्पताल में आत्महत्या कर ली थी। कोर्ट ने मामले पर सुनवाई के दौरान बताया कि सरकारी अस्पताल में करोना संक्रमित मरीज को आत्महत्या जैसे कदम उठाना चिंतनीय है, मामले पर सुनवाई अगले सप्ताह होगी।
इसी मसले पर प्रदेश सरकार को घेरने में जुटी हुई है कांग्रेस
इस सब के बीच महिला द्वारा आत्महत्या करने के मामले पर सियासी रंग चढ़ना शुरू हो गया है। डीडीयू अस्पताल (DDU Hospital) में महिला आत्महत्या मामले पर कांग्रेस बिफर गई है। कांग्रेस (#Congress) ने अस्पताल के बाहर प्रदर्शन किया। वहीं, इस मौके पर शिमला शहरी कांग्रेस दोफाड़ नजर आई। हरीश जनारथा गुट ने नारेबाजी की तो जितेंद्र चौधरी गुट ने चक्का जाम कर प्रदर्शन किया। साथ ही स्वास्थ्य मंत्री का इस्तीफा मांगा।
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आत्महत्या (Suicide) में स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही पर कांग्रेस ने अस्पताल के बाहर हल्ला बोला, लेकिन यहां भी कांग्रेस की गुटबाजी साफ नजर आई। पहले हरीश जनारथा गुट ने अस्पताल के गेट में धरना-प्रदर्शन किया। शिमला ग्रामीण के विधायक विक्रमादित्य सिंह और पर्यटन निगम के पूर्ण उपाध्यक्ष हरीश जनारथा की अध्यक्षता कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने काली पट्टी बांध कर धरना-प्रदर्शन किया और पूरे प्रकरण के लिए सरकार को जिम्मेदार ठहराया। उसके बाद शिमला शहरी अध्यक्ष जितेंद्र चौधरी गुट ने चक्का जाम किया। मामले की उच्च स्तरीय जांच की भी मांग उठाई।