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शिमला।होम आइसोलेशन(Home Isolation) को लेकर हिमाचल सरकार ने अपनी गाइडलाइन जारी कर दी है। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार हल्के और बिना लक्षण वाले कोविड-19 (Covid-19) मरीज डाक्टर की सलाह पर होम आइसोलेशन के लिए पात्र हैं। रक्तचाप, मधुमेह, हृदय रोग व गुर्दे आदि की बीमारी से पीड़ित 60 वर्ष से अधिक आयु के बुजुर्गों को डाक्टर (Doctor) की ओर से उचित मूल्यांकन के बाद ही होम आइसोलेशन में रहने की अनुमति दी जाएगी। हालांकि एचआईवी, प्रत्यारोपण, कैंसर रोगियों को होम आइसोलेशन के लिए अनुशंसित नहीं किए जाते हैं, लेकिन इलाज करने वाले डाक्टर द्वारा उचित मूल्यांकन के बाद ही उन्हें होम आइसोलेशन की अनुमति दी जाएगी। होम आइसोलेशन में कोविड मरीजों को अलग कमरे में रहना होगा। यह जानकारी हिमाचल प्रदेश सरकार के प्रवक्ता ने दी।
कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए होम आइसोलेशन में सावधानियां बरतने के लिए भी गाइडलाइन जारी हुई है। होम आइसोलेशन में रहने वाले मरीजों को बार-बार साबुन और पानी से कम से कम 40 सेकंड तक हाथ धोना चाहिए या अल्कोहल आधारित सेनेटाइजर (Sanitizer) से साफ करना चाहिए। मरीज घर के अन्य लोगों के साथ बरतन सहित व्यक्तिगत सामान साझा नहीं करेंगे। होम आइसोलेशन में मरीजों को पल्स ऑक्सीमीटर से रक्त ऑक्सीजन स्तर, बैठने की स्थिति में श्वसन दर, सामान्य रूप से सांस लेने और पूरे एक मिनट में ली गई सांसों की संख्या की गणना करनी चाहिए। देखभाल करने वाले और मरीज दोनों को एन-95 मास्क (N-95 Mask) का इस्तेमाल करना चाहिए। देखभाल करने वाले घर पर कोविड रोगी की देखभाल करते समय कोविड उपयुक्त व्यवहार का पालन करना चाहिए।
इसी तरह देखभाल करने वाले को रोगी के खाने के बरतन, व्यंजन, पेय, इस्तेमाल किए गए तौलिये या बिस्तर के लिनन को साझा करने से बचें। रोगी की ओर से इस्तेमाल किए जाने वाले बरतनों को दस्ताने पहनकर साबुन (Soap), डिटर्जेंट और पानी से साफ करना चाहिए। देखभाल करने वाले को दस्ताने उतारने या इस्तेमाल की गई वस्तुओं को संभालने के बाद हाथ साफ करने चाहिए। दस्ताने उतारने से पहले और बाद में हाथों की सफाई करना जरूरी है। सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि कोविड-19 रोगियों के रक्त, शरीर के तरल पदार्थ से दूषित इस्तेमाल किए गए मास्क, दस्ताने और टिश्यू या स्वैब, जिसमें इस्तेमाल की गई सीरिंज, दवाएं (Medicines) आदि जैव चिकित्सा अपशिष्ट के रूप में माना जाना चाहिए और इसे पीले बैग में इकट्ठा करके निपटान किया जाना चाहिए। इसे अलग से कचरा संग्रहकर्ता को सौंप दिया जाना चाहिए, ताकि घर और समुदाय में संक्रमण को और फैलने से रोका जा सके।
सरकार के अनुसार होम आइसोलेशन में मरीज की निगरानी के लिए राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण की निगरानी में संबंधित जिला प्रशासन जिम्मेदार होगा। मरीज या केयर गिवर अपने स्वास्थ्य की निगरानी करते रहेंगे। यदि बुखार (Fever) में सुधार नहीं हो रहा और तीन दिनों से अधिक होने पर बुखार 100 डिग्री फारेनहाइट से अधिकए सांस लेने में कठिनाई और ऑक्सीजन सैचुरेशन दर 93 फीसदी से कम होने की स्थिति में तुरंत चिकित्सा सलाह (Medical Tips) लेने की आवश्यकता है। अगर सीने में लगातार दर्द, दबाव महसूस होता है, मानसिक भ्रम होता है या गंभीर थकान होती है और मासपेशियों में दर्द होता है तो तुरंत डाक्टर की सलाह लेनी चाहिए। कोरोना मरीजों का स्वास्थ्य कैसा है, स्वास्थ्य कर्मचारी जिला प्रशासन को इसकी सुबह-शाम रिपोर्ट देंगे। डाक्टरों की सलाह के बाद ही मरीज आइसोलेट होंगे। लोगों को चिकित्सा सुविधा देने के लिए सरकार ने सब सेंटर खोलने का फैसला लिया है। इसमें स्वास्थ्य कर्मचारियों की तैनाती होगी। यह लोगों को कोरोना की जानकारी से अवगत कराएंगे।
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