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ढली से सिरमौर हुआ तबादला तो कोर्ट पहुंची टीचर, हाईकोर्ट ने सीधे खारिज कर दी याचिका
शिमला। प्रदेश हाईकोर्ट (Himachal High court) ने 20 वर्ष से शिमला और आसपास के इलाकों में सेवाएं देने वाली अध्यापिका के तबादला आदेशों ( Transfer orders) में दखल देने से इंकार कर दिया। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान (Acting Chief Justice Tarlok Singh Chauhan )और न्यायाधीश विरेंदर सिंह ( Justice Virender Singh) की खंडपीठ ने राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला ढली में प्रवक्ता पद पर तैनात याचिकाकर्ता बबीता डोगरा (Babita Dogra) की याचिका को खारिज कर दिया।
तबादला आदेशों में दखल देने से किया कोर्ट ने इनकार
इस केस में प्रार्थी का तबादला ढली से सिरमौरजिला के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला भनोग को किया गया है। प्रार्थी का आरोप था कि सरकार ने 27 मार्च को जारी आदेशों के तहत उसे राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला भनोग भेज दिया जबकि उसका ढली स्कूल में कार्यकाल केवल डेढ़ वर्ष का ही है। कोर्ट ने मामले से जुड़े रिकॉर्ड का अवलोकन करने पर पाया कि प्रार्थी की नियुक्ति 2001 में जनेडघाट स्कूल (School) में टीजीटी पद पर तैनाती हुई थी। 2006 में उसे जनेडघाट से कुफरी और फिर दुर्गापुर बदला गया। 2010 में उसे दुर्गापुर से शकुली लक्कड़ बाजार भेजा गया। इसके पश्चात प्रार्थी ने 2012 से 2015 तक कोटी स्कूल में अपनी सेवाएं दीं।
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27 जुलाई 2015 को प्रवक्ता (Lecturer) पद पर पदोन्नत होने पर प्रार्थी की तैनाती 16 अक्टूबर 2019 तक राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला धमांधरी में रही। इसके पश्चात दुर्गापुर में कार्य करने के पश्चात प्रार्थी को 24 अगस्त 2021 को राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला ढली में तैनाती दी गई थी। प्रार्थी का कहना था कि उसने मौजूदा स्थान पर केवल डेढ़ वर्ष का कार्यकाल ही पूरा किया है इसलिए उसका तबादला स्थानांतरण नीति (Transfer Policy) के विपरीत है। कोर्ट ने इस आरोप को नकारते हुए कहा कि यह पहला मौका है जब प्रार्थी को अभी तक के कार्यकाल में पहली बार उसके सुविधा क्षेत्र से बाहर भेजा जा रहा है।
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