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कॉलेज प्राचार्य बनने के लिए पदोन्नति के रास्ते को सरकार की हरी झंडी
Last Updated on March 23, 2023 by sintu kumar
शिमला। पदोन्नति के माध्यम से कॉलेज के प्राचार्य बनने के लिए अब सरकार ने हरी झंडी दे दी है। राज्य सरकार के इस बाबत कोर्ट को दिए वक्तव्य पर प्रदेश हाईकोर्ट ने सुनील कुमार व अन्य की याचिका का निपटारा कर दिया है। न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान और न्यायाधीश विरेंदर सिंह की खंडपीठ ने यह निर्णय सुनाया। गौरतलब है कि 25 फरवरी 2023 को सरकार ने निर्णय लिया है कि पुराने पदों को पुराने नियमों के तहत ही पदोन्नति के माध्यम से भरा जाएगा।
पदोन्नति के माध्यम से कॉलेज के प्राचार्य बनने के लिए सरकार ने 27 फरवरी 2020 को भर्ती एवं पदोन्नति नियम बनाए थे। इसके अनुसार यह प्रावधान बनाया गया था कि कॉलेज के प्राचार्य बनने के लिए सहायक प्रोफेसर का वेतन बैंड चार में होना चाहिए। न्यूनतम 20 वर्ष की नियमित सेवा होना जरूरी बनाया गया था। श्रेणी एक और दो के तहत न्यूनतम कुल औसत वार्षिक अंक प्रति वर्ष 100 होना चाहिए। करियर एडवांसमेंट स्कीम (CAS) के तहत एपीआई के न्यूनतम बिंदु मानदंड श्रेणी तीन में 20 प्रति वर्ष होना चाहिए और न्यूनतम शैक्षिक योग्यता कम से कम 55 फीसदी अंकों के साथ स्नातकोत्तर डिग्री होनी चाहिए।