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शिमला। एक तरफ आज जहां हाईकोर्ट (High Court) ने एसएमसी (SMC) शिक्षकों की भर्ती के खिलाफ दायर याचिका को स्वीकार करते हुए एसएमसी अध्यापकों की नियुक्तियों को रद्द कर दिया है। वहीं, पीटीए (PTA) शिक्षकों को नियमित करने संबंधित राज्य सरकार के फैसले को चुनौती देने वाली एक याचिका पर राज्य सरकार से जबाब-तलब किया है। मुख्य न्यायाधीश लिंगप्पा नारायण स्वामी व न्यायाधीश अनूप चिटकारा की खंडपीठ ने मामले पर सुनवाई करते हुए कहा कि पीटीए अध्यापकों का नियमितीकरण अदालत के अंतिम निर्णय पर निर्भर करेगा। याचिका में दलील दी गई है कि राज्य सरकार ने पीटीए अध्यापकों को नियमित करने का जो फैसला लिया है वह सरासर गलत है।
याचिकाकर्ता के अनुसार सर्वोच्च न्यायालय (Supreme Court) के फैसले में पीटीए अध्यापकों को नियमित करने के बारे में कोई जिक्र नहीं है। पीटीए अध्यापकों को नियमित करना भर्ती व पदोन्नति नियमों (Recruitment And Promotion Rules) का सरासर उल्लंघन है। मामले में पीटीए शिक्षक संघ और कुछ पीटीए शिक्षकों को भी प्रतिवादी बनाया गया है। मामले पर 4 सप्ताह के बाद सुनवाई होगी। गौरतलब कि कुछ समय पहले ही सुप्रीम कोर्ट ने अस्थाई शिक्षकों की सेवाओं को जारी रखने बाबत फैसला सुनाया था, जिसे आधार मानकर राज्य मंत्रिमंडल ने इन शिक्षकों को नियमित करने का फैसला ले लिया। कैबिनेट की मंजूरी के बाद नियमितीकरण की प्रक्रिया भी शुरू हो गई है। शिक्षकों से जरूरी रिकॉर्ड मांगा गया है।
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