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हिमाचल कैबिनेट: नई आबकारी नीति को मिली मंजूरी, हिमाचल में सस्ती होगी देसी शराब
Last Updated on March 20, 2022 by sintu kumar
शिमला। सीएम जयराम ठाकुर (CM Jai Ram Thakur) की अध्यक्षता में आज हुई कैबिनेट बैठक (Cabinet Meeting) में कई बड़े फैसले लिए गए हैं। कैबिनेट बैठक में वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए आबकारी नीति (Excise Policy) को मंजूरी प्रदान की गई है। इसके अलावा प्रदेश सरकार इस बार भी शराब के ठेकों की नीलामी नहीं करेगी। प्रदेश सरकार शराब ठेकों का नवीनीकरण करेगी। आज की कैबिनेट बैठक में स्वीकृत की गई आबकारी नीति से वर्ष के दौरान 2131 करोड़ रुपये राजस्व संग्रह की संभावना जताई गई है। जो कि वित्त वर्ष 2021-22 की तुलना में 264 करोड़ अधिक है। इसका मतलब है कि राज्य के उत्पाद शुल्क में कुल मिलाकर 14 फीसदी की वृद्धि हुई है।
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वहीं वित्तीय वर्ष 2022.23 में प्रदेश में खुदरा आबकारी ठेकों के नवीनीकरण हेतु इकाई /विक्रेता के मूल्य के 4 प्रतिशत नवीनीकरण शुल्क पर भी स्वीकृति प्रदान की गई। इसका उद्देश्य सरकारी राजस्व में पर्याप्त वृद्धि हासिल करना और पड़ोसी राज्यों से देसी शराब (liquor) की तस्करी पर अंकुश लगाना है। लाइसेंस शुल्क कम होने से देसी शराब के ब्रांड सस्ते होंगे इससे उपभोक्ताओं को सस्ती दर पर अच्छी गुणवत्ता वाली शराब उपलब्ध कराने में मदद मिलेगी और वे अवैध शराब की खरीद के प्रति आकर्षित नहीं होंगे और शुल्क की चोरी पर भी लगाम लगेगी।
15 फीसदी निर्धारित कोटा लेने की शर्त की समाप्त
नई आबकारी नीति में खुदरा लाइसेंसधारियों को आपूर्ति की जाने वाली देसी शराब के विनिर्माताओं और बोतलबंदों के लिए 15 फीसदी निर्धारित कोटा समाप्त कर दिया गया है। यह कदम खुदरा लाइसेंसधारियों को अपनी पसंद के आपूर्तिकर्ताओं से अपना कोटा उठाने और प्रतिस्पर्धी कीमतों पर अच्छी गुणवत्ता वाली देशी शराब की आपूर्ति का आश्वासन देगा। देशी शराब की एमआरपी मौजूदा कीमत से 16 फीसदी सस्ती होगी।
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