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हिमाचल के मंदिरों-धार्मिक स्थलों को लेकर क्या है सरकार का प्लान; पढ़ें
Last Updated on July 15, 2020 by Deepak
शिमला। हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) के सीएम जयराम ठाकुर (Jairam Thakur) की अध्यक्षता में आज बुधवार को प्रदेश के उपायुक्तों, पुलिस अधीक्षकों और मुख्य चिकित्सा अधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक का आयोजन किया गया। इस बैठक के दौरान सीएम जयराम ने बताया कि त्यौहारों के मौसम के दृष्टिगत एक स्थान पर अधिक भीड़ एकत्रित होने से रोकने के लिए प्रदेश सरकार ने राज्य के मन्दिरों (Temples) और अन्य धार्मिक स्थलों को नहीं खोलने का निर्णय लिया है। इस दौरान उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वैवाहिक और अन्य पारिवारिक कार्यक्रमों में 50 से अधिक लोग जमा ना हों। इस बात का ख्याल रखा जाए।
बड़ी औद्योगिक इकाइयों को पर्याप्त क्वारंटीन क्षमता सृजित करनी होगी
इसके अलावा सीएम ने प्रवासी श्रमिकों विशेषकर औद्योगिक इकाइयों (Industrial units) में आने वाले कामगारों पर सख्त निगरानी रखने के निर्देश दिए हैं। इस बारे में विस्तारपूर्वक चर्चा करते हुए सीएम ने कहा कि प्रदेश सरकार ने निर्णय लिया है कि औद्योगिक क्षेत्रों में उद्योगपतियों या उनके ठेकेदारों को प्रशासन की अनुमति के उपरान्त ही कामगारों को लाने की अनुमति होगी और स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी किए गए दिशा-निर्देशों के मुताबिक उन्हें क्वारंटीन किया जाना आवश्यक होगा। बड़ी औद्योगिक इकाइयों को पर्याप्त क्वारंटीन क्षमता सृजित करनी होगी, जबकि छोटी इकाइयां क्वारंटीन सुविधा सृजित करने के लिए किसी एक स्थान को चिन्हित कर सकती हैं। उन्होंने उद्योग श्रम और रोजगार विभाग को औद्योगिक इकाइयों को इस सम्बन्ध में समय-समय पर जारी की गई मानक संचालन प्रक्रिया की सख्ती से अनुपालना सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
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सीएम ने बरसात के मौसम के दृष्टिगत अधिक सजग रहने के निर्देश भी दिए
इसके अलावा इस बैठक के दौरान सीएम जयराम ने मुख्य चिकित्सा अधिकारियों से संबन्धित जिलों में कोविड-19 जांच क्षमता बढ़ाने के निर्देश देते हुए कहा कि कोविड-19 मरीजों के सम्पर्क में आए सभी लोगों की उचित जांच के अतिरिक्त जुखाम जैसे लक्षण वाले सभी लोगों का कोविड-19 परीक्षण भी सुनिश्चित किया जाए। वहीं, सीएम सभी जिलों के डीसी को बरसात के मौसम के दृष्टिगत अधिक सजग रहने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इस मौसम के दौरान जुखाम और विषाणु सम्बन्धित बीमारियों के मामलों में वृद्धि से स्वास्थ्य संस्थानों पर अतिरिक्त भार पड़ सकता है। उन्होंने पुलिस अधीक्षकों को कोविड-19 की वस्तुस्थिति तथा अपने मूल स्थान के बारे में गलत जानकारी उपलब्ध करवाने वाले लोगों पर कड़ी निगरानी रखने के निर्देश दिए।