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हिमाचल सरकार ने Annual Plan के स्थान पर वार्षिक विकास बजट प्रणाली की शुरू
शिमला। प्रदेश सरकार ने बजट के लिए योजना और गैर योजना श्रेणियों की पुरानी प्रणाली को समाप्त करने और वर्ष 2021-22 से वार्षिक योजना के स्थान पर वार्षिक विकास बजट प्रणाली (Annual Development Budget System) शुरू करने का निर्णय लिया है। यह बात सीएम जय राम ठाकुर (CM Jai Ram Thakur) ने वर्ष 2021-22 के लिए वार्षिक विकास बजट के प्रारूप को मंजूरी प्रदान करने के लिए आयोजित राज्य योजना बोर्ड (State planning board) की बैठक की अध्यक्षता करते हुए कही। जयराम ने कहा कि नई प्रणाली में सभी चार उप-योजनाएं सामान्य योजना, अनुसूचित जाति उप-योजना, जनजातीय उप-योजना और पिछड़ा क्षेत्र उप-योजना के नाम अब सामान्य विकास कार्यक्रम, अनुसूचित जाति विकास कार्यक्रम, अनुसूचित जनजाति विकास कार्यक्रम और पिछड़ा क्षेत्र विकास कार्यक्रम रखें जाएंगे।
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जय राम ठाकुर ने कहा कि प्रदेश सरकार ने वर्ष 2021-22 के राज्य विकास बजट (State Development Budget) के लिए 9405.41 करोड़ रुपए का प्रावधान रखा है। इसमें सामान्य विकास कार्यक्रम के लिए 6096.70 करोड़ रुपए (64.82 प्रतिशत), अनुसूचित जाति विकास कार्यक्रम के लिए 2369.22 करोड़ रुपए (25.19 प्रतिशत), अनुसूचित जनजाति विकास कार्यक्रम के लिए 846.49 करोड़ रुपए (9 प्रतिशत) और पिछड़े क्षेत्र विकास कार्यक्रम के लिए 93 करोड़ रुपए (0.99 प्रतिशत) आवंटित किए गए हैं। उन्होंने कहा कि यद्यपि नाम परिवर्तित किए गए हैं, परन्तु अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों और पिछड़े क्षेत्रों के विकास के लिए धन के आवंटन में कोई कमी नहीं की गई है।
10 हजार करोड़ की परियोजनाएं ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी के लिए तैयार
जय राम ठाकुर ने कहा कि राज्य सरकार ने प्रदेश में निजी निवेश को आकर्षित करने की पहल के अन्तर्गत धर्मशाला में ग्लोबल इन्वेस्टर्ज मीट (Global Investors Meet) का आयोजन किया। उन्होंने कहा कि कई नामी उद्यमियों द्वारा 96,000 करोड़ रुपए के समझौता ज्ञापन हस्ताक्षरित किए गए। यह कार्यक्रम सफल रहा और एक महीने के भीतर ही 13,600 करोड़ रुपए की परियोजनाओं की ग्राउड बे्रकिंग सेरेमनी आयोजित की गई। उन्होंने कहा कि 10 हजार करोड़ रुपए की अन्य परियोजनाएं ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी (Ground Breaking Ceremony) के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार के इस प्रयास पर महामारी का प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है।
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अनावश्यक खर्चों पर नियंत्रण रखने के लिए सख्त कदम उठाने की जरूरत
सीएम ने कहा क प्रदेश “सरकार ईज ऑफ डूईंग बिजनेस” में बेहतर प्रदर्शन करते हुए 16वें स्थान से सातवें स्थान पर पहुंचा है। उन्होंने कहा कि महामारी के दौरान देश और राज्य की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए कृषि क्षेत्र ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। अर्थव्यवस्था में वी-शेपड ग्रोथ देश के लिए राहत का संकेत है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने अपने आय के स्त्रोत उत्पन्न करने के लिए कई आवश्यक कदम उठाए हैं और अनावश्यक खर्चों पर नियंत्रण रखने के लिए कई कठोर कदम उठाने की आवश्यकता हैं। उन्होंने कहा कि अब मौजूदा बुनियादी ढांचे को सुदृढ़ करने पर ध्यान देना चाहिए।
रमेश ध्वाला ने मांगे बहुमूल्य सुझाव
राज्य योजना बोर्ड के उपाध्यक्ष रमेश चन्द ध्वाला (Ramesh Chand Dhawala) ने कहा कि राज्य के लोगों के लिए योजना को और अधिक लाभकारी बनाने के लिए बोर्ड के सभी सदस्य अपने बहुमूल्य सुझाव दें। उन्होंने कहा कि राज्य में सन्तुलित विकास के लिए लोगों की भागीदारी सुनिश्चित की जानी चाहिए। मुख्य सचिव अनिल खाची ने धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत करते हुए कहा कि अधिकारी आम लोगों को बेहतर सुविधाएं प्रदान करने के लिए राज्य की विभिन्न योजनाओं और कार्यक्रम के लिए प्रभावी कार्यान्वयन को सुनिश्चित करें। पुलिस महानिदेशक संजय कुंडू ने कहा कि समृद्ध हिमाचलियों को राज्य से बाहर न जाने के लिए प्रेरित करने के लिए राज्य में ही स्थिति सृजित करने की आवश्यकता है क्योंकि इससे वित्तीय पलायन होता है।
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