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हिमाचलः सीएम के सामने ही शिक्षकों ने दे दी यह धमकी, बोले…पछताएगी सरकार
शिमला। एक महीने में अगर टीजीटी (TGT) पदनाम नहीं दिया तो वह आंदोलन करने को मजबूर हो जाएंगे। इसकी जिम्मेदारी सरकार की ही होगी। सीएम जयराम ठाकुर (CM Jairam Thakur) से मिलकर अपनी मांग रखते हुए हिमाचल राजकीय संस्कृत शिक्षक परिषद (Himachal Government Sanskrit Teachers Council) ने चेतावनी दे डाली। परिषद ने कहा कि प्रदेश के शास्त्री और भाषा अध्यापकों (Language Teachers) को टीजीटी पदनाम दिया जाए। सरकार के पास एक महीने का समय है और यदि सरकार इस समय के भीतर उनकी मांगों को पूरा नहीं करती है तो अध्यापक आंदोलन करने को मजबूर हो जाएंगे। सीएम से मिलने के बाद परिषद के प्रदेशाध्यक्ष डा. मनोज कुमार शैल (State President Dr. Manoj Kumar Shail) ने शिमला में कहा कि प्रदेश में संस्कृत को दूसरी भाषा का दर्जा दिया गया है, लेकिन स्कूलों में पढ़ाने वाले शास्त्री को टीजीटी पदनाम नहीं दिया जा रहा है, जबकि 1985 से ये मांग सरकार के समक्ष उठाई जा रही है।
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सरकार ने उनकी मांग पूरी करने का आश्वसन दिया है, लेकिन अभी तक उनकी मांगों को पूरा नहीं किया गया। आज इस मांग को लेकर सीएम जयराम ठाकुर को ज्ञापन सौंपा गया है और शास्त्री टीजीटी ओर हिंदी टीजीटी पदनाम देने का अग्राह किया गया है। उन्होंने कहा कि अंग्रेजी (English) के शिक्षकों को तो सरकार ने टीजीटी पदनाम दे दिया है, लेकिन शास्त्री ओर हिंदी अध्यापकों को इससे वंचित रखा जा रहा है। सरकार को एक माह का समय दिया गया है और बजट सत्र से पहले उनकी मांग को पूरा करने का समय दिया है और यदि सरकार मांगें पूरी नहीं करती तो परिषद की दूसरे विकल्प के लिए बाध्य होना पड़ेगा, जिसकी सारी जिम्मेदारी सरकार की होगी।
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