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वाइल्ड फ्लावर मामले में सरकार ने हाईकोर्ट से मांगी मोहलत, अगली सुनवाई 24 नवंबर को
शिमला। शिमला में ओबेरॉय ग्रुप के होटल वाइल्ड फ्लॉवर (Hotel Wild Flower Of Oberoi Group) पर कब्जे को लेकर हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट में विचाराधीन मामने में मंगलवार को सुनवाई के दौरान हिमाचल प्रदेश सरकार ने और मोहलत मांगी है। कोर्ट ने सुनवाई की अगली तारीख 24 नवंबर तय की है। आपको बता दें कि बीते शनिवार को कोर्ट के ऑर्डर (High Court Order) के बाद प्रदेश सरकार के अधिकारियों ने होटल वाइल्ड फ्लावर हॉल को अपने कब्जे (Acquire) में लेने का प्रयास किया लेकिन कुछ ही घंटों के भीतर कोर्ट ने सरकारी आदेश पर रोक (Stay) लगा दी थी।
सरकार ने पेश किया लिखित जवाब
महाधिवक्ता (Attorney General) अनूप रतन ने बताया कि हिमाचल प्रदेश सरकार की ओर से कोर्ट के आदेशों के बाद होटल वाइल्ड फ्लावर हॉल को अधिकार में लेने के लिए एग्जीक्यूटिव ऑर्डर (Executive Order) जारी किए गए थे। जिस पर उच्च न्यायालय ने स्टे कर दिया था। इसके बाद आज इस मामले पर सुनवाई हुई, जिसमें प्रदेश सरकार की ओर से होटल वाइल्ड फ्लावर हॉल के पुनः अधिग्रहण को लेकर लिखित में जवाब (Written Reply) अदालत में दायर किया गया है। उन्होंने कहा कि इससे पहले मौखिक रूप में सरकार ने होटल वाइल्ड फ्लार हॉल को पुनः अपने अधिकार में लेने की बात कही थी। उन्होंने बताया कि जिन शर्तों पर ओबेरॉय ग्रुप को यह संपत्ति दी गई थी, ओबरॉय ग्रुप की ओर से उन शर्तों को पूरा नहीं किया गया। इसके बाद सरकार ने संपत्ति को पुनः अपने अधिकार में लेने के लिए अदालत से लिखित जवाब में मांग की है।
सरकारी आदेश में कुछ नहीं बोले कंपनी के वकील
ओबरॉय ग्रुप के वकील राकेश्वर लाल सूद ने बताया कि मंगलवार को सुनवाई के दौरान दिल्ली से आए हिमाचल के वकील ने कोर्ट से वक्त मांगा। सरकार की ओर से होटल पर कब्जे के आदेश पर ओबेरॉय ग्रुप के वकील कुछ भी कहने से बचते हुए नजर आए। उन्होंने कहा कि हाईकोर्ट (Himachal High Court) के आदेश पर सरकार की ओर से आदेश जारी किए गए थे। मामला अभी भी न्यायालय में विचाराधीन है। ऐसे में न्यायाधीश ही साफ कर सकते हैं कि उस ऑर्डर में क्या था। उन्होंने कहा कि 24 नवंबर को होने वाली अगले सुनवाई से पहले इस बारे में कुछ भी कहना उनके अधिकार क्षेत्र में नहीं है।