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शानन पावर प्रोजेक्ट के स्वामित्व पर दायर याचिका की सुनवाई टली
शिमला। हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने शानन पावर प्रोजेक्ट का स्वामित्व हिमाचल सरकार को सौंपने की मांग को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई केंद्र सरकार के आग्रह पर 8 सप्ताह के लिए टाल दी है। कोर्ट ने इस दौरान सभी पक्षकारों को आपसी समझौते से मामला निपटाने की छूट भी दी है। इस मामले में प्रदेश सरकार सहित पंजाब व हरियाणा की राज्य सरकारों सहित पंजाब स्टेट पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड को भी पक्षकार बनाया गया है।
मुख्य न्यायाधीश एमएस रामचंद्र राव व न्यायाधीश अजय मोहन गोयल की खंडपीठ ने यह आदेश प्रार्थी लक्ष्मेन्द्र सिंह द्वारा दायर याचिका पर दिए। याचिका में बताया गया है कि परियोजना जिला मंडी में है, जो हिमाचल प्रदेश के क्षेत्र में आती है। लेकिन 15 अगस्त 1947 से 9 अप्रैल 1965 तक पंजाब ने बिना किसी औचित्य के उपर्युक्त परियोजना पर कब्जा कर लिया। परियोजना को हिमाचल के पानी से चलाया जा रहा है। प्रार्थी ने आरोप लगाया है कि वर्ष 1965 और 1975 में हुए समझौतों के तहत हिमाचल सरकार और इसकी जनता के हितों पर ध्यान नहीं दिया गया। याचिकाकर्ता ने यह भी आरोप लगाया है कि हिमाचल एक छोटा राज्य है, जिसके पास सीमित आय के स्रोत हैं और उक्त परियोजना की आय प्रति वर्ष 100 करोड़ से अधिक है। यदि उक्त परियोजना हिमाचल सरकार को सौंप दी जाती है तो प्रदेश की आम जनता के साथ साथ राज्य की अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी। याचिकाकर्ता ने प्रतिवादियों को मंडी शहर की आम जनता को मुफ्त बिजली प्रदान करने और उक्त परियोजना की पूरी आय का भुगतान प्रदेश सरकार को करने के लिए निर्देशित करने की मांग की है। मामले पर सुनवाई 13 सितम्बर को होगी।
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