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PWD से बर्खास्त कनिष्ठ अभियंताओं को हिमाचल हाईकोर्ट से नहीं मिली राहत, यहां पढ़ें
शिमला। लोक निर्माण विभाग (PWD) द्वारा सेवा से बर्खास्त किए गए कनिष्ठ अभियंताओं (junior engineer) को हिमाचल हाईकोर्ट (Himachal High court) से कोई राहत नहीं मिल पाई है। न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान व न्यायाधीश सत्येंन वैद्य की खंडपीठ ने बादल चौहान व अन्य 57 प्रार्थियों द्वारा दायर याचिका पर हुई सुनवाई के पश्चात यह फैसला सुनाया। न्यायालय ने पाया कि लोक निर्माण विभाग द्वारा पारित किया गया बर्खास्तगी आदेश कानूनी तौर पर सही है। जिसमें उच्च न्यायालय द्वारा फेरबदल करने का कोई औचित्य नहीं रह गया है। 25 सितंबर, 2021 को पारित किए गए बर्खास्तगी आदेशों को प्रार्थियों ने रद्द करने की प्रदेश उच्च न्यायालय से गुहार लगाई थी।
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उन्हें 23 सितंबर, 2019 को हिमाचल प्रदेश सेवा चयन आयोग द्वारा जारी की गई सिफारिश के आधार पर इन्हें नियुक्ति पत्र दिया गया था और उसके पश्चात सभी प्रार्थी अपनी सेवा जारी रखे हुए थे। मगर सर्वोच्च न्यायालय द्वारा पारित किए गए फैसले के बाद तैयार की गई मेरिट लिस्ट के आधार पर इन्हें सेवा से बाहर कर दिया था। प्रार्थियों ने हालांकि न्यायालय से यह गुहार लगाई थी कि उन्हें उनके द्वारा विभाग को दी गयी सेवा के दृष्टिगत लोक निर्माण विभाग में वर्तमान में खाली पड़े पदों पर समायोजित किया जाए। मगर प्रदेश उच्च न्यायालय ने उनकी इस मांग को सिरे से खारिज कर दिया। प्रदेश उच्च न्यायालय के अनुसार वर्तमान में इन रिक्त पदों के लिए कई अन्य योग्य उम्मीदवार होंगे जिनके अधिकार को इस तरीके से खत्म नहीं किया जा सकता।
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