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हिमाचल हाईकोर्ट: रास्तों की चौड़ाई निर्धारित करना कोर्ट का काम नहीं
Last Updated on November 3, 2023 by Soumitra Roy
शिमला। हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट (Himachal Pradesh High Court) ने शिमला के ऑकलैंड से आरकेएमवी कॉलेज तक पैदल चलने के लिए बनाए गए रास्ते को तोड़कर कम चौड़ा करने के आदेश की मांग करने वाली याचिका खारिज (Petition Dismissed) कर दी। कोर्ट ने कहा कि यह स्थानीय निकायों (Local Bodies) का विशेषाधिकार है।
मुख्य न्यायाधीश एमएस रामचंद्र राव और न्यायाधीश ज्योत्सना रिवाल दुआ की खंडपीठ ने कहा कि स्थानीय निकायों के विशेषाधिकार के क्षेत्र में दखल से भानुमती का पिटारा खुल जायेगा। फिर ऐसे आदेशों की मांग शिमला के साथ अन्य शहरों से भी होने लगेगी। प्रार्थी ने ऑकलैंड से आरकेएमवी तक बनाए गए पैदल चलने योग्य रास्ते को कम चौड़ा (Alter The Width) कर इसके पुनर्निर्माण की मांग की थी। प्रार्थी ने इस रास्ते की चौड़ाई को साढ़े चार फुट तक सीमित करने की गुहार भी लगाई थी। कोर्ट ने याचिका को खारिज करते हुए कहा कि शिमला शहर की गलियों के पैदल रास्तों की चौड़ाई कितनी हो, इसका फैसला केवल नगर निगम शिमला जैसी संबंधित अथॉरिटी ही ले सकती है।