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हिमाचल हाईकोर्ट ने घर से दूर बनाए पोलिंग बूथ मामले का किया निपटारा, जाने बड़ा फैसला
शिमला। हिमाचल हाईकोर्ट (Himachal High Court) ने विधानसभा चुनावों में नालागढ़ उपमंडल के एक विशेष वार्ड के लिए पोलिंग बूथ (Polling Booth) 10 से 12 किलोमीटर दूर स्थापित करने के मामले का निपटारा करते हुए संबंधित वोटरों (Voters) को कम से कम दो बसें बूथ तक छोड़ने और वापिस लाने के लिए लगाने के आदेश दिए। न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान व न्यायाधीश विरेंदर सिंह की खंडपीठ ने याचिकाकर्ता चेतराम द्वारा दायर याचिका का निपटारा करते हुए यह आदेश पारित किए। चुनाव विभाग की ओर से मतदान के दिन एक बस लगाने की बात कही गई थी।
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याचिका में भारतीय चुनाव आयोग सहित जिला चुनाव अधिकारी जिला मजिस्ट्रेट सोलन व सहायक चुनाव अधिकारी एसडीएम नालागढ़ को प्रतिवादी बनाया गया था। कोर्ट में संबंधित तहसीलदार की उपस्थिति में यह आदेश पारित किए गए। याचिका में दिए तथ्यों के अनुसार प्रार्थी वार्ड नंबर 4 ग्राम पंचायत बधालग का वार्ड मेंबर है और इस वार्ड में लगभग 160 वोटर हैं। प्रार्थी के अनुसार ग्राम पंचायत बधालग में कुल 7 वार्ड हैं। उनके वार्ड को छोड़कर सभी वार्डो के पोलिंग बूथ एक से दो किलोमीटर की दूरी पर स्थापित किए गए है। जबकि उनके वार्ड के लिए पोलिंग बूथ 10- 12 किलोमीटर की दूरी पर स्थापित किया गया है।
हिमाचल हाईकोर्ट के आदेश संजौली कॉलेज में रख सकेंगे चुनाव सामग्री
संजौली कॉलेज को चुनाव सामाग्री रखने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। छात्रों के बैठने के लिए वैकल्पिक व्यवस्था की जाएगी। यह जानकारी हाईकोर्ट में उपस्थित कॉलेज प्रधानाचार्य ने दी। कोर्ट ने प्रधानाचार्य को आदेश दिए कि वह शपथपत्र के माध्यम से कोर्ट को बताए कि छात्रों के बैठने के लिए किस तरह की व्यवस्था की जा रही है। मामले की सुनवाई आगामी 7 नवंबर को निर्धारित की गई है। कॉलेज प्रधानाचार्य ने अदालत को बताया कि चुनावी सामाग्री रखने के लिए प्रस्तावित 11 कमरों में से केवल 7 कमरे ही इस्तेमाल किए गए है। कॉलेज के बाकी बचे कमरों में छात्रों की पढ़ाई के लिए वैकल्पिक व्यवस्था की जाएगी। मुख्य न्यायाधीश अमजद ए सैयद और न्यायाधीश ज्योत्सना रिवाल दुआ की खंडपीठ ने राज्य सरकार से आशा जताई है कि कॉलेज के गेट के पास बने बॉक्सिंग रिंग को नहीं हटाया जाएगा।