जेओए भर्ती मामला: हाईकोर्ट ने HPSSC को मेरिट लिस्ट दोबारा तैयार करने के दिए आदेश
पोस्ट कोड 817, 556 और 447 के अभ्यर्थियों ने ली राहत की सांस
Update: Saturday, January 1, 2022 @ 9:53 AM
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शिमला। हिमाचल हाईकोर्ट (Himachal High Court) ने आज जेओए अभ्यर्थियों को बड़ी राहत प्रदान की है। साल के अंतिम दिन हाईकोर्ट ने पोस्ट कोड 447, 817 और 556 के तहत भर्ती पर लगी स्टे (Stay) को हटा दिया है। हिमाचल हाई कोर्ट ने इन तीनों पोस्ट कोड के अभ्यर्थियों को बड़ी राहत देते हुए भर्ती प्रक्रिया को सुचारू करने के आदेश दिए हैं। बता दें कि पोस्ट कोड 817, 556 और 447 के मामले को हाई कोर्टने रिजर्व रखा था, जिस पर आज अंतिम फैसला सुनाया गया। इस भर्ती पर लगी स्टे के हटने से सैंकड़ों अभ्यर्थियों ने राहत की सांस ली है। अब इन पोस्ट कोड की भर्ती प्रक्रिया (Recruitment Process) सुचारू रूप से आगे बढ़ पाएगी।
बता दें कि पोस्ट कोड 556 के अभ्यर्थी जो पास हुए थे और लिखित परीक्षा दी थी, उनका डिप्लोमा चाहे प्राइवेट इंस्टीच्यूट का हो या सरकारी संस्थान का, अब यह डिप्लोमा सरकारी नौकरी (Govt Jobs) के लिए मान्य रहेगा। इसी तरह पोस्ट कोड 817 के तहत भर्तियांसुचारू रूप से हो सकेंगी। इस पोस्ट कोड का मामला 556 के चलते रुक गया था। इनका टेस्ट 21 मार्च को हुआ था और जुलाई में टाइपिंग टेस्ट (Typing Test) हुआ था। इसके बाद बच्चे दूर-दूर तक टाइपिंग टेस्ट को गए थे, लेकिन हाई कोर्ट ने 27 अगस्त को भर्ती पर स्टे लगा दिया था, लेकिन अब हाई कोर्ट ने उपरोक्त तीनों पोस्ट कोड के अभ्यर्थियों के हक में फैसला सुनाते हुए भर्ती प्रक्रिया को सुचारू रखने के आदेश दिए हैं।
हिमाचल हाई कोर्ट ने क्या कहा यहां जाने..
प्रदेश हाईकोर्ट ने जूनियर ऑफिस असिस्टेंट के पदों की भर्तियों को लेकर दायर याचिकाओं का निपटारा करते हुए अधीनस्थ कर्मचारी चयन आयोग को आदेश दिए हैं कि वह पोस्ट कोड 556 के विज्ञापन के तहत घोषित सभी पदों को पोस्ट कोड 447 के तहत की गई भर्तियों के अनुसार करे व मेरिट लिस्ट पुनः तैयार करे। न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान व न्यायाधीश सत्येन वैद्य की खंडपीठ ने पोस्ट कोड 817 में शामिल किए गए पोस्ट कोड 556 के बचे हुए पदों हटाने के आदेश भी दिए। हाईकोर्ट के इस फैसले के पश्चात अब पोस्ट कोड 556 के तहत बचे हुए 560 पदों की भर्तियां 18 अक्तूबर 2016 के विज्ञापन के तहत सफल अभ्यर्थियों में से ही की जाएगी।
उल्लेखनीय है कि सरकार ने वर्ष 2014 में जेओए के पदों को भरने हेतु भर्ती एवं पदोन्नति नियम बनाये थे। 13 फरवरी 2015 को पोस्ट कोड 447 के तहत 1421 पदों को भरने हेतु आवेदन आमंत्रित किए। कुछ अभ्यर्थियों ने इन पदों के लिए बनाए भर्ती नियमों में खामियां बताते हुए इन भर्तियों को अदालत में चुनौती दी। कोर्ट में जेओए के 2014 वाले नियमों के खिलाफ याचिकाओं के लंबित रहते सरकार ने पोस्ट कोड 556 के तहत 1156 जेओए के पदों को भरने के लिए 18 अक्टूबर 2016 को आवेदन आमंत्रित कर दिए।
इन पदों पर भर्ती प्रक्रिया जारी रहते कुछ अभ्यर्थियों ने इन भर्तियों को भी अदालत में चुनौती दी। मामले अदालत में होने के कारण सरकार 1156 पदों में से सिर्फ 596 पद ही उक्त भर्ती नियमों के तहत भर पाई और सरकार ने बाकी बचे पदों को न भरने और इन्हें फिर से विज्ञापित करने का फैसला किया। कुछ अभ्यर्थियों ने पद निरस्त किये जाने के फैसले को भी अदालत में चुनौती दी थी। वर्ष 2020 में सरकार ने जेओए के भर्ती नियमों में संशोधन किया और 21 सितम्बर 2020 में पोस्ट कोड 817 के तहत फिर से जेओए के पदों को भरने के लिए आवेदन आमंत्रित किए।
इन भर्तियों को भी कुछ अभ्यर्थियों ने अदालत में यह कहते हुए चुनौती दी कि सरकार द्वारा किये गए संशोधन सही नहीं है और यह पद 2014 के नियमों के अनुसार ही भरे जाए। कोर्ट ने सभी याचिकाओं का निपटारा करते हुए पोस्ट कोड 447 के तहत भरे गए पदों को जायज ठहराया और पोस्ट कोड 556 के बचे हुए पद उसी तरह भरने के आदेश दिए जिस तरह पोस्ट कोड 447 के पद भरे गए थे जबकि पोस्ट कोड के 817 के तहत विज्ञापित पदों को वर्ष 2020 के तहत बने नियमों के अनुसार ही करने के आदेश दिए। पोस्ट कोड 556 के तहत बचे 560 पद पुराने अभ्यर्थियों में से ही भरने के आदेशों के कारण अब पोस्ट कोड 817 के तहत विज्ञापित कुल पदों में 560 पदों की कटौती हो जाएगी।