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हिमाचल: घोषणापत्र में किये वादे निभाये बीजेपी, नही तो 2022 में चुकानी पड़ेगी कीमत: HPCSOA
Last Updated on November 25, 2021 by Vishal Rana
शिमला। हिमाचल उपचुनाव में मिली हार पर आज राजधानी शिमला (Shimla) में बीजेपी का मंथन चल रहा है। बीजेपी के बड़े नेता शिमला में जुटे हुए है। इसी मंथन के बीच हिमाचल प्रदेश कॉर्पोरेट सेक्टर ऑफिसर एसोसिएशन (Himachal Pradesh Corporate Sector Officers Association) ने सभी नेताओं को अपने मांगपत्र सौंपे। इस दौरान एसोसिएशन के अध्यक्ष देवी लाल ने बीजेपी (BJP) पर जमकर अपनी भड़ास निकाली। उन्होंने कहा कि अभी तो नोटा ने उपचुनाव (BY Election) में बीजेपी को हार का स्वाद चखाया है। यदि बीजेपी सरकार ने घोषणापत्र में पेंशनरो के साथ किए वादे नही निभाए तो 2022 की राह बंद कर देंगे।
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शहरी विकास मंत्री के रवैये से नाराज़ देवी लाल ने कहा कि वह मंत्री से कई मर्तबा मिले, लेकिन उनका व्यवहार पेंशनरो के प्रति उचित नही है। सीएम जय राम ठाकुर (CM Jai Ram Thakur) भी उनकी मांगों की अनदेखी करते आ रहे हैं। उनका कहना है कि हिमाचल सरकार ने 29/10/1999 को एक अधिसूचना जारी कर कॉर्पोरेट सेक्टर के पेंशनरो के लिए पेंशन का प्रावधान किया था, लेकिन कांग्रेस सरकार ने इस अधिसूचना को रद्द कर दिया। 2 दिसंबर, 2004 के मध्य सभी सेवानिवृत्त कर्मियों को लाभ भी दिया गया, लेकिन उसके बाद के कर्मियों को इसका लाभ नही दिया गया।
उन्होंने बताया कि बीजेपी ने अपने 2007 व 2017 के घोषणापत्र में उक्त कर्मियों को पेंशन देने का वायदा किया। लेकिन उसे आज तक पूरा नही किया। सरकार के पेंशनर विरोधी रवैये से नाराज़ आर्थिक हालातों से जूझ रहे कई कर्मियों ने आत्महत्या तक कर ली। यदि सरकार अपनी गलती अब भी सुधारती है और पेंशन देने को लेकर सर्वोच्च न्यायालय में शपथ पत्र दायर नही करती है, तो आने वाले चुनावों में बीजेपी को हार का सामना करना पड़ेगा।
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