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शिमला। राज्य निजी शिक्षण संस्थान विनियामक आयोग (HPPERC) का निजी कॉलेजों के प्रिंसिपल पर शिकंजा कसता जा रहा है। राज्य निजी शिक्षण संस्थान विनियामक (Private Educational Institutions Regulatory Commission) आयोग ने योग्यता मामले को लेकर 45 निजी कॉलेजों के प्रिंसिपल को तलब किया है। इसमें आयोग निजी कॉलेजों के प्रिंसिपल (Private Principal) का पक्ष सुनेगा। इसके बाद ही आयोग द्वारा योग्यता मामले में कोई फैसला दिया जाएगा। ऐसे में साफ है कि निजी कॉलेजों के प्रिंसिपल (College Principal) योग्यता मामले को लेकर मुश्किल में हैं। आयोग ने 19 और 20 मार्च को 45 निजी कॉलेजों के प्रिंसिपल को तलब किया गया है।
दरअसल, प्रारंभिक जांच (Preliminary Inquiry) में हिमाचल प्रदेश में 45 निजी कॉलेजों के प्रिंसिपल की योग्यता पर सवाल खड़े हुए थे। राज्य निजी शिक्षण संस्थान विनियामक आयोग ने हाल ही में 61 निजी संस्थानों की पड़ताल की थी। इनमें बहुत सारे कॉलेजों में नियुक्ति और योग्यता (Qualification) से संबंधित खामियां पाई गई थीं।
आयोग (HPPERC) ने जांच में पाया था कि निजी कॉलेजों के 45 प्रिंसिपल पद पर रहने की योग्यता को पूरी ही नहीं करते हैं। ऐसे में आयोग की ओर से इन 45 कॉलेजों के प्रिंसिपलों को अयोग्य करार देकर नोटिस जारी किया था। आयोग (HPPERC) की प्रारंभिक जांच में ये सारा खुलासा हुआ था। अभी तक आयोग ने 61 कॉलेजों की जांच की है। जिन प्रिंसिपलों को अयोग्य पाया गया है उसमें मैनेजमेंट और डेंटल कॉलेजों के साथ ही संस्कृत और नर्सिंग कॉलेजों के प्रिंसिपल शामिल है।
जांच में सामने आया है कि इन कॉलेजों में प्रिंसिपलों की नियुक्ति ही नियमों के बाहर जाकर की है। नियुक्ति के लिए संबद्ध विश्वविद्यालयों से मंजूरी नहीं ली गई है और ना ही नियमित नियुक्ति प्रिंसिपलों की गई है। कुछ विश्वविद्यालय ऐसे हैं जिन्होंने तकनीकी शिक्षा बोर्ड से भी मंजूरी प्राप्त नहीं की है। जिन निजी कॉलेजों के प्रिंसिपल को अयोग्य पाया गया है, उसमें बीएड/एमएड के 8, फार्मेसी के 7, संस्कृत कॉलेज के 4, निजी डिग्री कॉलेज के 4, नर्सिंग कॉलेजों के 14, लॉ कॉलेज के 2, मैनेजमेंट कॉलेज के 2 और डेंटल कॉलेजों के 2 प्रिंसिपलों के साथ ही इंजीनियरिंग कॉलेजों के 2 प्रिंसिपल अयोग्य पाए गए हैं। इसी मामले में अब आयोग (HPPERC) ने निजी कॉलेज के प्रिंसिपलों को तलब किया है।
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