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Covid ड्यूटी में तैनात आउटसोर्स कर्मियों को अतिरिक्त भत्ता देने के निर्देश, मरीज अपने खर्च पर रख सकें नर्स
शिमला। हिमाचल हाईकोर्ट (#HighCourt) ने प्रदेश में बढ़ते कोरोना मामलों को लेकर बड़े आदेश जारी किए हैं। तरलोक सिंह चौहान और ज्योत्सना रेवाल दुआ की बेंच ने इस संबंध में आदेश दिए हैं। हाईकोर्ट ने उन लोगों को धरना जैसे प्रदर्शनों में जाने की मनाही की है, जोकि कोविड-19 के लिए तैनात किए गए हैं। अगर किसी भी व्यक्ति को किसी भी तरह की समस्या का सामना करना पड़ता है तो उसे यह स्वतंत्रता होगी कि वह हाईकोर्ट के समक्ष अपनी समस्या को रखें। अगर फिर भी व्यक्ति इस तरह की गतिविधियों में शामिल होगा तो उसके खिलाफ न्यायालय के आदेशों की अवमानना की कार्यवाही चलाई जाएगी।साथ ही हाईकोर्ट ने बसों व अन्य स्थानों पर भीड़ इकट्ठी ना हो इसके लिए ऑफिस (Office) आने व जाने के टाइम में आधे घंटे का फर्क रखने पर विचार करने के भी आदेश दिए हैं। यानि की पहली शिफ्ट में कर्मचारी साढ़े नौ बजे ऑफिस आएंगे व दूसरी शिफ्ट के दस बजे। ऐसे ही साढ़े नौ बजे आने वाल कर्मचारियों का ड्यूटी टाइम साढ़े चार बजे और दस बजे आने वाले कर्मचारियों का 5 बजे तक होगा।
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न्यायालय ने आउटसोर्स के आधार पर कोविड की सेवाओं में तैनात किए तृतीय व चतुर्थ श्रेणी के कर्मियों को अतिरिक्त भत्ता प्रदान करने के निर्देश जारी किए हैं। प्रदेश को कोविड-19 के प्रकोप से बचाने के लिए हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश जारी किए हैं। राज्य सरकार को यह सुनिश्चित करने को कहा है कि केंद्र सरकार द्वारा जारी किए गए दिशा-निर्देशों के अनुरूप सभी वरिष्ठ डॉक्टर कोविड-19 वार्डों का नियमित तौर पर दौरा करते रहे। राज्य सरकार को तरल ऑक्सीजन टैंकरों की उपलब्धता बाबत निर्णय लेने के भी आदेश जारी किए गए है। न्यायालय ने आउटसोर्स के आधार पर तैनात किए जाने वाले कर्मियों को 5 दिसंबर तक नियुक्ति प्रदान करने के आदेश जारी किए हैं। न्यायालय ने निजी व सरकारी प्रयोगशालाओं से कोविड टेस्ट करवाने के आदेश दिए है। सैंपल एकत्रित करने वाली एजेंसी को यह आदेश जारी किए हैं कि वह टेस्ट करने के दौरान व्यक्ति का संपर्क नंबर, ईमेल आईडी व अन्य जरूरी जानकारी लें, ताकि टेस्ट के परिणाम बाबत ईमेल व्हाट्सएप इत्यादि पर बताया जा सके। यह रिपोर्ट 48 घंटों के भीतर दी जाए। न्यायालय ने शिमला, मंडी, धर्मशाला, कुल्लू सोलन, ऊना, हमीरपुर व बिलासपुर जिलों में टेस्टिंग बाबत जानकारी समाचार पत्रों व सोशल मीडिया के माध्यम से दिए जाने के आदेश जारी किए हैं, ताकि सैंपल को एकत्रित करने के लिए समय संबंधी जानकारी लोगों को उपलब्ध हो सके।
न्यायालय ने कोविड-19 अस्पतालों में हेल्पलाइन सुविधा को भी सुनिश्चित करने के आदेश जारी किए हैं, ताकि कोविड-19 के मरीज से उसके परिवार के सदस्य व अन्य नजदीकी रिश्तेदारों का संपर्क बना रहे। न्यायालय ने कहा कि जो मरीज अपने खर्चे पर नर्स रखना चाहे, उन्हें अपने खर्च पर नर्स रखने की अनुमति दी जाए, ताकि हॉस्पिटल स्टाफ का भार कम हो सके। कोविड मरीज के शव को किसी भी स्थिति में वार्ड में ना लपेटा जाए। उसके शव को तुरंत वार्ड के बाहर किया जाए। सभी शौचालय साफ व स्वच्छ रखने के आदेश जारी किए हैं। अगर मरीजों को शौचालय की संबंधी कोई शिकायत है तो वह हेल्पलाइन पर सूचना दे सकते हैं।
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न्यायालय ने गरम पानी व स्ट्रीमर की पर्याप्त मात्रा में उपलब्धता सुनिश्चित करने के भी आदेश जारी किए हैं। राज्य में प्रवेश करने वाले सभी बाहरी लोगों के टेस्ट लाजमी बनाए जाने पर विचार के आदेश भी जारी किए गए हैं। न्यायालय ने मास्क पहनने, समाजिक दूरी बनाए रखने बाबत बनाए गए नियमों की पालना सुनिश्चित करने के लिए ना केवल स्थानीय पुलिस बल्कि नगर निगम, गृह विभाग के कर्मियों व वॉलेंटियर को तैनात करने के आदेश जारी किए हैं। किसी भी परिवार को कोविड-19 से ग्रसित होने के कारण समाज से बाहर नहीं किया जाएगा। कार्यकारी मैजिस्ट्रेट की इजाजत के बिना जनसभा आयोजित नहीं की जा सकेगी। इस तरह की इजाजत के बाद स्थानीय पुलिस थाना को यह सुनिश्चित करना होगा कि जनसभा में निर्धारित लोगों से अधिक संख्या ना हो । इसके अतिरिक्त पंचायतों तथा स्थानीय निकायों को यह सुनिश्चित करने को कहा है कि मास्क पहनने व सामाजिक दूरी बनाने जैसी शर्तो की पूर्णतया पालना हो । जो लोग जरूरी वस्तुओ की डिलीवरी के लिए तैनात किए गए हैं उनका टेस्ट प्राथमिकता के आधार पर किया जाए। जो लोग घर से ही अपना इलाज ले रहे हैं, उन लोगों को डेडीकेटेड मेडिकल पर्सनल द्वारा दिन में दो बार संपर्क करने के आदेश जारी किए हैं, ताकि उस व्यक्ति के बाबत डेडिकेटेड हॉस्पिटल के कर्मियों को पूरी जानकारी हो।
न्यायालय ने राज्य सरकार को यह सुनिश्चित करने के आदेश जारी किए हैं कि जो लोग घर से ही इलाज ले रहे हैं उन्हें सरकार अच्छी गुणवत्ता वाली मेडिसिन किट उपलब्ध करवाए। जनसाधारण को कोविड बाबत शिक्षित करने के आदेश जारी किए हैं। न्यायालय ने इसके लिए होर्डिंग, रेडियो, टीवी व किताबों के माध्यम से शिक्षित करने के आदेश जारी किए हैं। ताकि लोगों को कोविड-19 से बचने के लिए सुझाए गए नियमों प्रक्रिया व प्रोटोकॉल के बारे में पूरी जानकारी हो। न्यायालय ने पुलिस महानिदेशक को यह आदेश जारी किए हैं कि वे अतिरिक्त पुलिस बल को तैनात करें। ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कोई न तो कंटेनमेंट जोन को छोड़ कर जा सके और ना ही कंटोनमेंट जॉन में घुस सके। 6 एंबुलेंस जोकि वेंटिलेटर व अन्य उपकरणों से लैस होने के बाबजूद बेकार पड़ी है को सक्रिय करने के आदेश जारी किए हैं। न्यायालय ने कोविड सेवा में तैनात किए गए कर्मियों की डाइट व आराम का विशेष ध्यान रखने के भी आदेश जारी किए हैं। अगर जरूरी हो तो एनजीओ व चैरिटेबल इंस्टिट्यूशन से भी सहायता लेने के निर्देश जारी किए हैं। न्यायालय ने स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने के आदेश जारी किए हैं। मामले पर सुनवाई 10 दिसंबर को निर्धारित की गई है
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