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हिमाचल: मिठाइयों की अवैध फैक्ट्री का पर्दाफाश, 3 क्विंटल मिठाइयां की नष्ट
Last Updated on October 29, 2021 by Deepak
नाहन। फेस्टिवल सीजन (Festival Session) के बीच सिरमौर जिले में अवैध तौर पर चलाई जा रही मिठाइयों (Sweets) की फैक्ट्री (Factory) का जिला खाद्य सुरक्षा विभाग ने पर्दाफाश किया है। गुप्त सूचना के आधार पर अमल में लाई गई इस कार्रवाई के दौरान विभागीय टीम ने मौके पर ही अढ़ाई से 3 क्विंटल खराब मिठाइयों को नष्ट करवाया। साथ ही जांच हेतु विभिन्न मिठाइयों के सैंपल भी एकत्रित किए।
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दरअसल जिला खाद्य सुरक्षा विभाग की गुप्त सूचना मिली थी कि महीपुर क्षेत्र में मिठाइयों की अवैध फैक्ट्री चल रही है। इस सूचना के आधार पर शुक्रवार सुबह खाद्य सुरक्षा विभाग के निरीक्षक सुनील शर्मा के नेतृत्व में टीम को मौके लिए रवाना किया गया। जैसे ही टीम महीपुर के हरलू धमेल क्षेत्र में खड्ड क्रॉस करके पहुंची, तो वहां का नजारा देख टीम हैरान रह गई। बड़े पैमाने पर अवैध तौर से मिठाइयां तैयार की जा रही थी। इस बीच विभागीय टीम ने जहां करीब 3 क्विंटल विभिन्न तरह की मिठाइयों को मौके पर ही नष्ट कर दिया, तो वहीं फैक्ट्री मालिक का भी नियमों के मुताबिक चालान किया। नाहन में जानकारी देते हुए खाद्य सुरक्षा विभाग के सहायक आयुक्त अतुल कायस्थ ने बताया कि गुप्त सूचना मिली थी कि महीपुर क्षेत्र में बड़े पैमाने पर मिठाई की अवैध फैक्ट्री चल रही है। इस पर विभाग ने कार्रवाई करते हुए सुबह ही इंस्पेक्टर सुनील शर्मा के नेतृत्व में टीम भेजी। यहां से 40 से 45 किलोमीटर दुर्गम क्षेत्र हरलू धमेल क्षेत्र में खड्ड क्रास करके टीम पहुंची, तो मामले का खुलासा हुआ।
उन्होंने बताया कि फैक्ट्री में अवैध रूप से बड़े पैमाने पर मिठाइयों को तैयार किया जा रहा था। मौके पर फैक्ट्री बंद थी। स्थानीय लोगों से संपर्क करने पर पड़ोस से ही फैक्ट्री मालिक को बुलाया गया और फैक्ट्री खोली गई। उसके अंदर से बहुत सारी किस्म की मिठाइयां खुले में पड़ी हुई मिली। जिस पर मक्खियां इत्यादि मरे हुए थे। उन्होंने बताया कि अढ़ाई से 3 क्विंटल मिठाइयां थी, जिसे मौके पर ही खड्डा खोद कर नष्ट किया गया। साथ ही संदेह के आधार पर मिठाइयों के नमूने भी लिए गए, जिसमें पनीर, लड्डू, रसगुल्ले, पेठे के सैंपल शामिल हैं। इन्हें जांच के लिए प्रयोगशाला भेजा जा रहा है। उन्होंने बताया कि फूड सेफ्टी अधिनियम के तहत फैक्ट्री मालिक के पास मिठाइयां तैयार करने का लाइसेंस इत्यादि मौजूद नहीं था, जिसका चालान किया गया।
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