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#BharatBandh Live : किसानों का चक्का जाम खत्म, Amit Shah ने किसान नेताओं को बैठक के लिए बुलाया
Last Updated on December 8, 2020 by
नई दिल्ली। कृषि कानूनों ( Agricultural laws) के खिलाफ आज देशभर के किसानों ने भारत बंद (#BharatBandh) बुलाया जिसका देशभर में मिला-जुला असर देखने को मिला। बंद को देश के सभी विपक्षी दलों ने अपना समर्थन दिया। बंद का समय तीन बजे तक था। फिलहाल किसानों ने चक्का जाम खत्म कर दिया है। इसी बीच केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने किसान नेताओं को शाम सात बजे बैठक के लिए बुलाया है। इसमें सरकार और किसानों के बीच कानून को लेकर चल रही रस्साकशी पर चर्चा की जाएगी।
इससे पहले हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर से मिलने के लिए पहुंचे। इसके अलावा किसान यूनियनें (Farmer union) भी किसानों के साथ रहे। कई राज्यों में बंद का असर दिखाई दे रहा है।
CPIM Rajya Sabha MP, @kkragesh arrested from Bilaspur, Gurugram while participating in the #BharatBandh.
CPIM condemns it in the strongest possible words. The autocratic attitude of the Modi Govt will be fought on streets. pic.twitter.com/WaxdadFdiY— CPI (M) (@cpimspeak) December 8, 2020
बंद के चलते पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र और ओडिशा में ट्रेनों को रोका गया है। यूपी के प्रयागराज में समाजवादी पार्टी ( SP) के कार्यकर्ताओं ने ट्रेन को रोका। प्रदर्शन कर रहे सपा कार्यकर्ताओं ने बुंदेलखंड एक्सप्रेस ट्रेन( Bundelkhand Express Train)को रोक दिया और नारेबाजी की।
https://twitter.com/PrakashUlela/status/1336236177712578560
दिल्ली के सभी बार्डर बंद कर दिए हैं, दिल्ली के सिंधु बॉर्डर पर पुलिस तैनात है। इसके कारण कई जगहों पर आवाजाही भी प्रभावित हुई है। दूसरी ओर किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत का कहना है कि हमारा बंद शांतिपूर्ण होगा और यदि कोई इसमें दो-तीन घंटे तक फंसजाता है तो उसे फल और पानी उपलब्ध कराया जाएगा। बिहार की राजधानी पटना में भारी संख्या में सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया गया है।
पंजाब ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन ने किसानों के भारत बंद का समर्थन किया है। एसोसिएशन के अध्यक्ष चरणजीत सिंह ने कहा कि ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस ने किसानों के समर्थन में 8 दिसंबर को चक्का जाम करने का फैसला किया है। परिवहन संघ, ट्रक यूनियन, टेंपो यूनियन सभी ने बंद को सफल बनाने का निर्णय किया है।
केरल सरकार केंद्र के कृषि कानूनों को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने की तैयारी में है। केरल सरकार ने इस हफ्ते ही सुप्रीम कोर्ट में कृषि कानूनों को चुनौती देने का फैसला किया है। राज्य सरकार ने केंद्र के नए कृषि कानून को लागू न करने का निर्णय किया है. सरकार का कहना है कि कृषि केवल केंद्र के अधीन नहीं है, बल्कि राज्य को भी तय करना है. इस पर केंद्र एकतरफा फैसले नहीं ले सकती है।