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धर्मशाला। जिला एवं सत्र न्यायाधीश प्रथम सह विशेष न्यायाधीश एनडीपीएस के रणजीत सिंह ठाकुर के न्यायालय ने चरस ( charas) के कारोबार में दोषी करार देते हुए 11 साल का कठोर कारावास ( 11 years imprisonment)और एक लाख रुपए जुर्माने की सजा सुनाई है। विशेष न्यायाधीश ने चरस तस्कर भाली निवासी लाताद्दीन के खिलाफ दोष सिद्ध होने पर 11 साल के सश्रम कारावास सहित एक लाख रुपए जुर्माने की सजा सुनाई है। जुर्माना अदा न करने पर दोषी को दो साल का अतिरिक्त सश्रम कारावास काटना होगा।
जिला न्यायावादी कांगड़ा राजेश वर्मा के मुताबिक 7 जुलाई, 2016 को दोपहर डेढ़ बजे के करीब एएसआइ देस राज अपनी टीम सहित 32 मील में गश्त कर रहे थे कि इस दौरान उन्हें सूचना मिली कि भाली निवासी लाताद्दीन अपने मकान में चरस रखकर आम लोगों को बेचने का धंधा कर रहा है। इस पर पुलिस ने पंचायत प्रधान व उपप्रधान की मौजूदगी में जब लाताद्दीन के मकान पर छापामारी की तो बेड -बॉक्स के अंदर गत्ते के डिब्बे पिलिप्स मिक्सर ग्राइंडर के अंदर पॉलीथीन लिफाफे से बत्तीनुमा पदार्थ बरामद हुआ, जो चरस पाई जो करीब एक किलो, 200 ग्राम थी। इसके अलावा शेविंग किट से 100-100 रुपए की करंसी के 20 हजार रुपए बरामद होने के साथ तराजू व बाट भी बरामद किए। जिसके बाद मामला विशेष न्यायाधीश की अदालत पहुंचा। इस मामले की पैरवी पहले उप जिला न्यायावादी संदीप अग्निहोत्री और बाद में उप जिला न्यायावादी एलएम शर्मा ने की।
अभियोजन पक्ष की ओर से उप जिला न्यायावादी एलएम शर्मा ने कुल 16 गवाहों के परीक्षण कराया, जिसमें दो गवाह बचाव पक्ष के थे। जबकि उप जिला न्यायावादी एलएम शर्मा ने न्यायालय को बताया इस तरह का अपराध समाज को दिग्भ्रमित करने का काम है और यह जानबूझकर किया गया अपराध है। जिस पर विधि सम्मत सजा होनी चाहिए। दोनों पक्षों की दलील और साक्ष्य के आधार पर न्यायालय ने दोषी को सजा सुनाई ।दोष सिद्ध होने पर भाली निवासी को 11 साल का सश्रम कारावास व एक लाख रुपए के जुर्माने की सजा सुनाई है।
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