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बिलासपुर में बिकने वाले नमक में आयोडीन की मात्रा 50 फीसदी से कम, रिपोर्ट में हुआ खुलासा
बिलासपुर। अनाज, दाल में घपले बाजी के किस्से तो आपने जरूर सुना होंगे, मगर कभी नमक (Salt) में आयोडीन (Iodine) की कमी की कहानी सुनी है। हां, एक जमाने में एड फिल्मों में आयोडीन की कमी को लेकर प्रचार जरूर चलते थे कि देश का नमक कौन सा है, अच्छा नमक कौन सा है। इन सब में आयोडीन को प्रमुखता से दिखाया जाता था। आयोडीन में एक खास गुण होता है। यह जड़ बुद्धि के दिमाग में भी बिजली की तरह का फुर्ती ला देता है। मगर बिलासपुर में जो नमक बेचा जा रहा है, उसमें आयोडीन की मात्रा आधे से भी कम है।
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हैरत की बात तो यह है कि प्रदेश के सभी जिलों के नमक सैंपल में आयोडीन की मात्रा नब्बे पार है। जबकि, बिलासपुर में यह आंकड़ा 47 पर अटक गया। यह हम नहीं बल्कि हिमाचल स्वास्थ्य महकमे की एक रिपोर्ट बताती है। दरअसल, हिमाचल का स्वास्थ्य महकमा हर साल 21 अक्टूबर को आयोडीन दिवस के रूप में मनाता है, इस साल भी महकमे ने लोगों को जागरूक करने के लिए विभिन्न जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए और नमक में आयोडीन की मात्रा की जांच के लिए सभी जिलों में नमक परीक्षण किट वितरित की। मीडिया, सोशल मीडिया, मोबाइल एसएमएस के माध्यम से भी लोगों को खाद्य नमक में आयोडीन की मात्रा के बारे में जागरूक किया जा रहा हैं। इसके अलावा, आशा कार्यकर्ताओं द्वारा भी लोगों को आयोडीन युक्त नमक के लाभों से अवगत करवाया।
इसी दौरान जो रिपोर्ट सामने आई वह हैरान करने वाली है। बिलासपुर से जांच के लिए लिए गए नमक के सैंपल में आयोडीन की मात्रा 47 फीसदी ही पाई गई, जबकि चम्बा में 92.7 प्रतिशत, हमीरपुर में 97.4 प्रतिशत, कांगड़ा में 99.2 प्रतिशत, किन्नौर में 84.7 प्रतिशत, कुल्लू में 97.3 प्रतिशत, मंडी में 97.7 प्रतिशत, शिमला में 96.2 प्रतिशत, सोलन में 94.03 प्रतिशत और जिला ऊना में 96.01 प्रतिशत आयोडीन की मात्रा नमक में पाई गई।
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