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Himachal के जगतार सिंह विश्व के टॉप और भारत के टॉप-10 अरबपतियों में शामिल
ऊना। मंजिल उन्ही को मिलती है जिनके सपनों में जान होती है, पंखों से कुछ नहीं होता सपनों में जान होती है। इन पंक्तियों को सच कर दिखाया है ऊना (Una) जिला के छोटे से गांव पनोह से निकल कर अमेरिका में Zscaler नाम से बड़ा साम्राज्य खड़ा करने वाले जय चौधरी ने। दरअसल जय चौधरी (Jay Chaudhary) का असली नाम जगतार सिंह चौधरी है। जगतार सिंह चौधरी (Jagtar Singh Chaudhary) ने अपनी मेहनत के बल पर आज भारत और अमेरिका में ही नहीं बल्कि विश्व में अपना साम्राज्य खड़ा करने में सफल हुए है। ऊना के ही सरकारी स्कूलों में पढ़कर हमेशा अब्बल रहने वाले जगतार सिंह अमेरिका में जाकर जय चौधरी बन गए और आज वो विश्व के अमीरों की सूची में शामिल हो गए है।
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इस बार की हुरून ग्लोबल रिच लिस्ट 2021 (Hurun Global Rich List 2021) में जय चौधरी ने दुनिया (World) के टॉप अरबपतियों में स्थान पाया हैं। वहीं, अब वह भारत (India) के टॉप-10 अरबपतियों में शामिल हो गए हैं। जय चौधरी ने 2008 में Zscaler ने नाम से साइबर सिक्योरिटी कंपनी शुरू की थी, जिसके बाद 2018 में कंपनी का आईपीओ लॉन्च किया था। जय चौधरी की इस सफलता से उनके सबसे बड़े भाई दलजीत सिंह भी खासे उत्साहित है। प्रिंसिपल के पद से सेवानिवृत हुए जय चौधरी के भाई दलजीत बताते है कि जगतार शुरू से ही पढ़ने में बहुत होशियार थे और जब जय छठी में थे तो वो उनके बीए के निबंध तक लिख लेते थे।
गांव में बट्ट वृक्ष के नीचे बैठकर पढ़ा करते थे जय चौधरी
62 साल के जय चौधरी का जन्म जिला ऊना के गांव पनोह में पिता भगत सिंह और माता सुरजीत कौर के घर में हुआ था। जय चौधरी का बचपन से ही पढ़ाई से बहुत लगाव था, पैतृक गांव पनोह के ही प्राइमरी स्कूल में प्राथमिक शिक्षा हासिल करने के बाद जय चौधरी ने सरकारी स्कूल धुसाड़ा में मैट्रिक तक की पढ़ाई की है। जय चौधरी दसवीं की पढ़ाई पूरी करने के लिए चार किलोमीटर पैदल जाते थे और गांव में ही बट्ट वृक्ष के नीचे बैठकर पढ़ा करते थे। मिडल और हाई स्कूलिंग के दौरान जय चौधरी ने प्रदेश के स्कूल शिक्षा बोर्ड की मैरिट लिस्ट में अपना नाम दर्ज करवाया। वहीं ऊना (Una) में शुरू हुए कॉलेज में प्रेप करते हुए भी यूनिवर्सिटी में टॉप (Top) किया। उसके बाद बीएचयू वनारस में बीटेक करने के बाद अमेरिका में एमटैक की पढ़ाई की। किसान पिता के घर जन्मे जय चौधरी को इस मुकाम तक पहुंचने में काफी मुश्किलों का भी सामना करना पड़ा, लेकिन जय चौधरी ने कभी हिम्मत नहीं हारी और अपना मुकाम हासिल कर लिया।
क्या कहते हैं दोस्त
वहीं जय चौधरी के दोस्त और सहपाठी रहे अशोक कुमार की माने तो जगतार पढ़ाई में शुरू से ही प्रतिभाशाली रहे है। अशोक पुराने दिनों को याद करते हुए बताते है कि वो जय के साथ गांव से चार किलोमीटर दूर स्कूल को पैदल जाते थे। और स्कूल के बाद पशुओं को चराने भी इकट्ठे ही जाते थे। जय चौधरी अमेरिका में रहते हुए भी अपने क्षेत्र में समाजसेवा करने से पीछे नहीं रहते है।
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