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किसानों को एक छत के नीचे मिलें सेवाएं, बहुउद्देश्य सेवा केंद्र बनाने पर हो रहा विचार
Last Updated on June 16, 2020 by Deepak
शिमला। राज्य सरकार किसानों को एक ही छत के नीचे विभिन्न सेवाएं उपलब्ध करवाने के लिए प्राथमिक कृषि सहकारी समितियों को नाबार्ड के सहयोग से बहुउद्देश्य सेवा केंद्र (Multipurpose Service Centres) बनाने पर विचार कर रही है। सीएम जयराम ठाकुर (CM Jai Ram Thakur) ने यह आज यहां सहकारिता विभाग की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए यह बात कही। सीएम ने कहा कि सहकारिता आंदोलन को जन आंदोलन बनाना महत्वपूर्ण है, क्योंकि इस क्षेत्र में रोज़गार और स्वरोज़गार की अपार संभावनाएं हैं। सहकारिता आंदोलन का ज़मीनी स्तर पर विस्तार होना चाहिए, ताकि यह ग्रामीण लोगों तक पहुंच सके। उन्होंने कहा कि वर्तमान में राज्य में 4,843 सहकारी सभाएं कार्य कर रही हैं, जिनमें 17.35 लाख सदस्य हैं। जय राम ठाकुर ने कहा कि राज्य में 2,132 प्राथमिक कृषि सहकारी समितियां कार्य कर रही हैं जिनके सदस्यों की संख्या 12.56 लाख तथा कुल जमा राशि 5401.96 करोड़ रुपए है। इन समितियों में 1914 उचित मूल्य की दुकानें व 1374 खाद के डिपो शामिल हैं। उन्होंने कहा कि इन समितियों को सुदृढ़ करने के प्रयास किए जाने चाहिए, ताकि राज्य के किसान लाभान्वित हो सकें।
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ऊना के लिए राष्ट्रीय सहकारिता विकास कमेटी की स्वीकृति को भेजी डीपीआर
सीएम ने कहा कि सोलन (Solan) व मंडी (Mandi) जिलों में क्रमशः 73.15 करोड़ रुपए और 89.58 करोड़ रुपए की ब्लॉक लागत से दो आईसीडीपी (ICDP) परियोजनाएं लागू की जा रही हैं। मंडी जिले की परियोजना को हिमाचल प्रदेश राज्य सहकारी बैंक द्वारा लागू किया जा रहा है। इस योजना के प्रथम वर्ष के कुल व्यय में से 33.64 करोड़ रुपए तथा 164 सहकारी समितियों को व्यापार विकास के लिए 12.40 करोड़ रुपए स्क्रीनिंग कमेटी द्वारा स्वीकृत किए गए हैं। सीएम ने कहा कि सोलन जिले की आईसीडीपी परियोजना जोगिंद्रा केंद्रीय सहकारी बैंक सोलन द्वारा लागू की जा रही है। प्रथम वर्ष के 23.47 करोड़ रुपए के कुल बजट में से 14 करोड़ रुपए का उपयोग किया जा चुका है। उन्होंने कहा कि विभिन्न सहकारी समितियों के व्यापार विकास के लिए स्क्रीनिंग कमेटी द्वारा 37 मामलों को स्वीकृति प्रदान की गई है। 46.47 करोड़ रुपए की ब्लॉक लागत से ऊना (Una) जिला के लिए आईसीडीपी परियोजना की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट राष्ट्रीय सहकारिता विकास कमेटी की स्वीकृति के लिए भेजी गई है।
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हिमाचल प्रदेश सहकारी समिति एक्ट, 1968 में संशोधन पर हो रहा विचार
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार हिमाचल प्रदेश सहकारी समिति एक्ट, 1968 को वर्तमान परिप्रेक्ष्य में अधिक व्यावहारिक बनाने के लिए इस कानून में संशोधन करने के लिए कैबिनेट मंत्रियों की समिति बनाने पर विचार कर रही है। जयराम ठाकुर ने गैर-निष्पादित संपत्ति (एनपीए) विशेषकर कांगड़ा केंद्रीय सहकारी बैंक (KCCB) पर भी चिंता व्यक्त की।सहकारिता मंत्री डॉ. राजीव सैजल ने सहकारिता आंदोलन को सुदृढ़ बनाने में अपनी गहरी रुचि दिखाने के लिए सीएम का धन्यवाद किया।मुख्य सचिव अनिल खाची, प्रधान सचिव वित्त प्रबोध सक्सेना, सीएम के प्रधान सचिव जेसी शर्मा, सचिव सहकारिता अक्षय सूद, पंजीयक सहकारिता समिति डॉ. अजय शर्मा और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने इस बैठक में भाग लिया।