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डॉ. राजेश बोले, कंगना का बयान शर्मनाक, वापस लिया जाना चाहिए सम्मान
Last Updated on November 13, 2021 by admin
हिमाचल कांग्रेस प्रवक्ता डॉ राजेश शर्मा (Dr. Rajesh Sharma) का कहना है कि भारत की आज़ादी की लड़ाई में जो लोग गांधी, सुभाष और भगत सिंह की शांति और क्रांति की विचारधारा के साथ अंग्रेजी हुकूमत से लड़ रहे थे, वे सभी 15 अगस्त 1947 को आजाद हो गए थे। जबकि अभिनेत्री कंगना रनौत (Kangana Ranaut) कह रही है की आज़ादी 2014 में मिलीं। डाॅ राजेश ने कहा है कि देश का अपमान फिर भी मिल रहा हैं पद्म सम्मान।
याद रहे कि पद्मश्री मिलने के बाद अभिनेत्री कंगना रनौत ने कहा कि असली आज़ादी 1947 में नहीं बल्कि 2014 में मिली है, जिससे कि संदेश साफ है कि बीजेपी सरकार आने के बाद इस देश ने आजादी की सांस ली है। इस बयान को शर्मनाक और निंदनीय बताते हुए डाॅ राजेश ने कहा कि यह हमारे देश का दुर्भाग्य है जहां पर मात्र एक राजनीतिक पार्टी को खुश करने के लिए देश के लिए मर मिटने वालों का मजाक उड़ाया गया है। 1947 के दौर में हज़ारों लोगों ने देश के लिए कुर्बानी दी। ग़ुलामी के खिलाफ लड़ाई तो देश में 1857 से ही चली आ रही है जहां पर रानी लक्ष्मीबाई और मंगल पांडेय जैसे महान वीर सपूत व देशभक्त हुए और बाद में सुखदेव, राजगुरु चंद्रशेखर आजाद व उधम सिंह जैसे भारत मां के बहादुर सपूत जिन्होंने आजादी के लिए अपने प्राणों तक का मोह छोड़ दिया था। कंगना रनौत ने उन सभी देशभक्तों का मजाक उड़ाया है, जिसकी हम कठोर निंदा करते हैं।
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डाॅ राजेश ने कहा कि पद्मश्री एक बहुत बड़ा सम्मान है और यह राष्ट्र के उन लोगों को मिलता है जिन्होंने किसी कार्य में महारत हासिल की हो या समाज भलाई का कोई अतुलनीय कार्य किया हो। हम पद्मश्री का सम्मान करते हैं और उन सभी लोगों का दिल से सम्मान करते हैं जिन्होंने अपनी कर्मठता से खुद को पद्मश्री के योग्य बनाया। कंगना को भी यह सम्मान मिला तो उन्हें इस की गरिमा भी बनाए रखनी चाहिए थी। पद्मश्री का मतलब है राष्ट्र के लिए कुछ बेहतर करने वाले लोगों का सम्मान लेकिन कंगना ने राष्ट्र का ही अपमान किया है और राष्ट्र के देशभक्तों का अपमान किया है उन सभी देशभक्तों का अपमान किया है जिन्होंने आजादी के लिए अपने प्राणों का त्याग कर दिया। उन्होंने केंद्र सरकार से मांग कि है कि कंगना से पद्मश्री (Padma Shri) वापस लिया जाए।
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