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कुछ साल से घरों में एलईडी (LED) बल्ब काफी ज्यादा इस्तेमाल किए जा रहे हैं। एलईडी बल्ब के इस्तेमाल से बिजली की काफी बचत होती है, लेकिन बाजार में अच्छे क्वालिटी के एलईडी बल्ब की कीमत बहुत ज्यादा होती है। जिसके चलते सरकार ने सस्ते एलईडी बल्ब की योजना शुरू की है। इतना ही नहीं इन बल्बों पर 3 साल की गारंटी भी दी जा रही है।
बता दें कि 7 से 12 वाट तक के एलईडी बल्ब ग्राम उजाला कार्यक्रम (Gram Ujala Scheme) के तहत बेचे जाते हैं और एक परिवार को पांच बल्ब दिए जाते हैं। सरकार द्वारा शुरू की गई एलईडी योजना के तहत 12 वाट का एलईडी बल्ब केवल 10 रुपए में मिलेगा। ये बल्ब सरकारी कंपनी कनवर्जेन्स एनर्जी सर्विसेज लिमिटेड (सीईएसएल) (Convergence Energy Services Limited) (CESL) की तरफ से दिए जाएंगे। सीईएसएल कैंप लगाकर बल्ब बांटने का काम करती है, जिसके चलते बल्ब पाने के लिए व्यक्ति को ज्यादा मशक्कत नहीं करनी पड़ती है।
ग्राम उजाला योजना अभी बिहार, उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और तेलंगाना में चल रही है। इन राज्यों के ग्रामीण परिवार केवल 10 रुपए में बल्ब ले सकते हैं। ये ग्राम योजना स्कीम 31 मार्च, 2022 तक चलेगी। अगर आप इन राज्यों में रहते हैं तो आप इस सुविधा का लाभ उठा सकते हैं। प्रोग्राम की सफलता को देखते हुए सीईएसएल इस स्कीम को और आगे बढ़ा रहा है और इससे देश के लाखों लोगों को फायदा मिलेगा।
ग्राम उजाला योजना का मकसद पुराने पीले बल्ब को हटाकर एलईडी बल्ब लगाना है ताकि देश में बिजली बचे और कार्बन उत्सर्जन को कम किया जा सके। एलईडी बल्ब से बिजली बिल की बचत होती है। इस योजना की खास बात ये है कि बल्ब की इतनी कम कीमत होने के कारण भी सरकार इसमें कोई सहायता या सब्सिडी नहीं दे रही है।
साल 2021 में मार्च महीने में सीईएसएल ने गांवों में सस्ती कीमत यानी 10 रुपए में एलईडी बल्ब वितरित करने की योजना शुरू की थी। वहीं, इस महीने राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण दिवस, 2021 के अवसर पर सीईएसएल ने एक दिन में ही 10 लाख एलईडी बल्ब वितरित करने का महत्वपूर्ण लक्ष्य हासिल किया। बाजार में इस बल्ब की कीमत 100 रुपए के आसपास कीमत है।
सीईएसएल ने 10 रुपए प्रति बल्ब की कीमत पर 3 साल की गारंटी के साथ अच्छी क्वालिटी वाले 7-वाट और 12-वाट एलईडी बल्ब दे रहा है। जिसमें हर परिवार अधिकतम 5 बल्बों का आदान-प्रदान कर सकता है। इस प्रक्रिया से राज्यों के ग्रामीण क्षेत्रों में हर साल 250 करोड़ रुपए की लागत बचत के साथ हर साल 71 करोड़ यूनिट बिजली की बचत हुई है।
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