-
Advertisement
75 साल बाद अपने परिवार से मिला शख्स, अब करतारपुर में होगी मुलाकात
Last Updated on August 8, 2022 by sintu kumar
सोशल मीडिया सिर्फ एंटरटेनमेंट के लिए नहीं है। सोशल मीडिया (Social Media) की मदद कई बिछड़े हुए लोग भी मिल जाते हैं। जैसा कि हम सभी जानते हैं कि भारत के बंटवारे के कारण बहुत सारे लोग अपनों से बिछड़ गए थे। हाल ही में ऐसा एक मामला पंजाब से सामने आया है। यहां 92 साल के एक बुजुर्ग करीब 75 साल बाद अपने परिवार के सदस्यों से मिलने में सफल हुए हैं।
ये भी पढ़ें-75 साल बाद मिलेंगे भाई-बहन, देश के बंटवारे में हुए थे अलग
बता दें कि 1947 में भारत के बंटवारे (Partition of India) के वक्त ज्यादातर पुरुषों की हत्या कर दी गई। वहीं, बहुत सारी महिलाएं अपने बच्चों के साथ कुएं में कूद गई। इसी दौरान 6 वर्षीय मोहन सिंह अपने परिवार से बिछड़ गए थे। बंटवारे के वक्त उनके परिवार के 22 सदस्य एक दूसरे से बिछड़ गए थे। इसके बाद उनका पालन पोषण एक मुस्लिम परिवार ने किया। उन्होंने मोहन सिंह का नाम अब्दुल खालिक रख दिया।
मोहन सिंह उर्फ अब्दुल खालिक अब 75 साल के हो गए हैं। उन्होंने अभी तक अपने परिवार से मिलने की इच्छा नहीं छोड़ी। वहीं, उनके चाचा सरवन सिंह (92) भी उन्हें ढूंढने के लिए भारत आ गए। अब इन दोनों को दोनों देशों के दो यूट्यूबर ने मिलवाया है। मोहन सिंह अपने चाचा से मिलने के लिए तैयार हैं। अगले कुछ दिनों में दोनों परिवार करतारपुर के गुरुद्वारा में एक दूसरे से मिलेंगे। इस दौरान सरवन सिंह की बेटी भी उनके साथ मौजूद रहेंगी।
ये भी पढ़ें-करतारपुर कॉरिडोर में मिले दो भाई, 74 साल पहले हुए थे अलग, देखें वीडियो
जालंधर निवासी सरवन सिंह ने बताया कि 1947 में दंगों के दौरान उनके माता-पिता, दो भाई और दो बहनों की हत्या कर दी गई थी। इसके बाद परिवार के बचे हुए सदस्यों ने मोहन सिंह की तलाश की, लेकिन वे नहीं मिले। किसी को कुछ नहीं पता चला कि मोहन का क्या हाल है या मोहन कहां है। वहीं, कुछ समय पहले पंजाब मूल के गुरदेव सिंह, जो कि ऑस्ट्रेलिया में रहते हैं उन्होंने मोहन सिंह का पता ढूंढ निकाला।
ऐसे चला पता
सरवन सिंह ने बताया कि एक सिख लेखन के विभाजन की त्रासदी पर द अदर साइड ऑफ फ्रीडम (The Other Side of Freedom) शीर्षक की एक यूट्यूब डॉक्युमेंट्री बनाई थी। इस सीरिज का एक एपिसोड सरवन सिंह के परिवार पर भी था। इस एपिसोड के द्वारा गुरदेव सिंह ने देखा कि सरवन सिंह ने बच्चे के पहचान के निशान का उल्लेख किया है, जिसके बाद उन्होंने मोहन सिंह की तलाश शुरू कर दी।
बताई थी ये निशानी
गुरदेव सिंह ने बताया कि डॉक्यूमेंट्री में सरवन सिंह ने बताया था कि मोहन सिंह के दो अंगूठे थे और उसकी एक टांग पर काला धब्बा भी था। इसके बाद उन्होंने यूट्यूब पर देखा कि पाकिस्तान में रहने वाला एक शख्स भी कुछ इस तरह की निशानी के बारे में बता रहा था। इसके बाद उन्होंने पाकिस्तानी यूट्यूबर की मदद से मोहन का नंबर पता किया और फिर एक दिन सरवन सिंह और मोहन की फोन पर बात करवाई। अब दोनों ने करतारपुर बॉर्डर में एक-दूसरे से मिलने का वादा किया है।