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BJP का डैमेज कंट्रोल, कांगड़ा के दो विधायक आए सामने, बोले- All is Well
Last Updated on June 12, 2020 by Vishal Rana
शिमला। हिमाचल में सत्ता का रास्ता कांगड़ा दुर्ग यानि कांगड़ा (Kangra) जिला से होकर निकलता है। लेकिन, देखा जाए तो हिमाचल के सबसे बड़े जिले कांगड़ा के लिए सत्ता काफी दूर दिखती है। राजनीतिक के ज्ञाता इसे कांगड़ा के नेताओं में तालमेल व एकजुटता का आभाव करार देते हैं। खैर छोड़ो जो हालात कभी बदल ना सकें उन पर क्या बात करनी। हम बात करते हैं मौजूद हालातों की। बीजेपी (BJP) में कांगड़ा को लेकर घमासान सा छिड़ गया है। पहले कांगड़ा के स्थानीय रेस्ट हाउस में बीजेपी के कुछ नेताओं की गुप्त बैठक और अब सीएम जयराम ठाकुर (CM Jai Ram Thakur) के साथ हुई बैठक के बाद छिड़ा विवाद बीजेपी के लिए कुछ सही संकेत नहीं लग रहा है। अब बीजेपी डैमेज कंट्रोल (Damage control) में उतर आई है। पिछले कल कांगड़ा जिला के मंत्रियों और विधायकों की सीएम जयराम ठाकुर के साथ बैठक के बाद जवालामुखी के विधायक रमेश धवाला (Ramesh Dhawala) ने जिस तरीके से अपना गुब्बार निकाला, उसे धवाला की जवालामुखी की जवाला ही कहा जा सकता है। क्योंकि कांगड़ा जिला के दो विधायकों ने तो धवाला के बयान से पल्ला झाड़ लिया और इसे धवाला का निजी मामला करार दिया।
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ऐसे में अब धवाला अकेले पड़ते दिखे। धवाला ने संगठन और सरकार के बीच तालमेल तक ना होने की बात कह डाली। उन्होंने किसी का नाम लिए बगैर कहा कि कुछ ऐसे नेता हैं, जिनकी तारें कांग्रेस (Congress) के साथ भी जुड़ी हैं और बीजेपी के साथ भी। जब कांग्रेस की सरकार आती है तो कांग्रेस के साथ हो जाते हैं और जब बीजेपी की सरकार आती है तो बीजेपी के साथ। इस फजीहत के बाद बीजेपी ने डैमेज कंट्रोल की कवायद शुरू कर दी। इसके लिए ना तो कोई सरकार का मंत्री सामने आया और ना ही संगठन की तरफ से कोई। सामने आए तो कांगड़ा जिला के ही दो विधायक। इसमें एक नूरपुर के विधायक राकेश पठानिया (Rakesh Pathania) और दूसरी इंदौरा की विधायक रीता धीमान (Reeta Dhiman)। दोनों विधायकों ने कांगड़ा में ऑल इज वेल (All is Well) की बात कही। किसी प्रकार के उथल पुथल से इंकार किया।
क्या बोले राकेश पठानिया
नूरपुर के विधायक राकेश पठानिया ने कहा कि रमेश धवाला के बयान पर वह टिप्पणी नहीं करना चाहते हैं। जो उन्होंने कहा कि वह उनका निजी मामला है। ऐसा कहा गया कि कांगड़ा के सभी विधायकों ने बैठक में संगठन मंत्री का विरोध किया तो यह सरासर गलत है। बैठक में संगठन मंत्री का किसी ने भी नाम नहीं लिया है। बैठक में विधायकों ने अपने अपने क्षेत्र की समस्याओं से सीएम जयराम ठाकुर को अवगत करवाया। उन्होंने कहा कि कांगड़ा जिला में सब ठीक ठाक है। अगर आज बीजेपी सत्ता में है तो इसके लिए संगठन और संगठन मंत्री पवन राणा की अहम भूमिका है।
इंदौरा की विधायक रीता धीमान का यह कहना
इंदौरा की विधायक रीता धीमान ने कहा कि विधायक दल की बैठक में सभी विधायक अपनी-अपनी बात नहीं रख पाए। ऐसे में निर्णय लिया गया कि सभी जिलों के विधायकों के साथ अलग अलग बैठक होगी। इसी कड़ी में पहली बैठक कांगड़ा जिला की रखी गई। बैठक में सभी विधायकों ने अपने अपने क्षेत्र की समस्याओं का जिक्र किया। बैठक में संगठन मंत्री पवन राणा का नाम तक नहीं लिया गया है। उन्होंने कहा कि वह घरेलू औरत से विधानसभा तक पहुंची हैं तो संगठन की वजह से पहुंची हैं। हिमाचल में संगठन नंबर वन पर है, इसका श्रेय पवन राणा को जाता है। धवाला का मामला उनका निजी मामला हो सकता है।