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होम लोन के लिए यह बेहद सुनहरा समय, 3.3% ब्याज पर मिल रहा कर्ज, जानें पूरी डिटेल
नई दिल्ली। अगर आप होम लोन (Home Loan) पर घर खरीदने या बनाने का सोच रहे हैं। तो यह समय आपके लिए बिलकुल माकूल है। होम लोन पर ब्याज दरें (Intrest Rate) अब तक सबसे कम लेवल पर आ गई हैं। होम लोन इस समय 3.3 प्रतिशत की ब्याज दर पर उपलब्ध है। सभी बैंक या लोन फाइनेंस करने वाली कंपनियों ने ग्राहकों को लुभाने के लिए ब्याज दर में भारी गिरावट की है। ब्याज दर को 7 प्रतिशत से नीचे रखा है। यूनियन बैंक ने तो इसे 6.45% कर दिया है। जबकि बाकी अन्य बैंकों और फाइनेंस कंपनियों ने इसे 6.5 से लेकर 6.9% के बीच ब्याज दर रखा है। ऐसे में होम लोन लेने का यह समय सबसे बेहतरीन है।
वहीं, कोरोना (Corona) की दूसरी लहर की मार झेलकर उबर रहा मार्केट अभी रफ्तार पकड़ने को है। रियल स्टेट भी कोरोना की मार से उबरने की कोशिश कर रहा है। अगर आप अभी घर बनाने या खरीदने के लिए लोन ले रहे हैं तो तो थोड़ा मोल भाव कर लें। जिससे आपको दोगुणा फायदा हो जाएगा। आज हम आपको तीन चरणों में होम लोन के बारे में तसल्ली से बताते हैं। इस साल का, 2002 का और 2000 में किस तरह से होम लोन पर ब्याज लगता था। कैसे यह 20 सालों में होम लोन अपने निचले स्तर पर पहुंच गया। हालांकि, अगले साल से ब्याज दरें ऊपर जाएंगी, ऐसा जानकार मानते हैं। उनका कहना है, ‘क्योंकि अर्थव्यवस्था में रिकवरी के बाद ज्यादातर देशों में ब्याज दरें ऊपर की ओर जा रही हैं, इसलिए भारत में भी ब्याज दर बढ़ सकती हैं’।
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किस तरह दो दशक में ब्याज दरों में आई कमी
मान लेते हैं कि आपने 2000, 2002 और 2021 में घर बनाने के लिए 30 लाख रुपए का लोन घर बनाने के लिए 20 साल के लिए लिया है। अगर आप साल 2000 में यह लोन लेते, तो आपको मूलधन यानी 30 लाख रुपए पर 13.25 प्रतिशत की ब्याज दर से मूलधन और ब्याज मिलाकर चुकाना पड़ता। इस लोन में आपको 20 हजार रुपए का टैक्स छूट मिलता। जबकि टैक्स का रेट 34.5% होता था। आप जो हर महीने किस्त देते थे वह 4.21 लाख रुपए देते। लेकिन इसके बाद भी आपका ब्याज पूरा नहीं होता था। आपको 1600 रुपए और देना होता था। यानी यह पूरी रकम ब्याज में ही चली जाती थी। हालांकि, आप उस दौरान 32,775 का टैक्स बचाते थे।
2002 में घटकर 10.75% पर आ गई ब्याज दर
साल 2002 में ब्याज दरें घटकर 10.75% पर आ गई थीं। उस समय भी टैक्स की छूट 20 हजार रुपए ही होती थी। टैक्स रेट में गिरवाट दर्ज की गई थी। साल 2000 में जो टैक्स रेट 34.5 फीसदी था वह घटकर 31.50% पर आ गया। इस तरह आप हर साल जो आप किस्त भरते थे वो 359,400 रुपए होती। इसमें से 3,42,925 रुपए ब्याज का हिस्सा होता था। आप इसके बाद 16,475 रुपए मूलधन जमा करते थे। इस तरह से आपका 53,500 रुपए टैक्स का बचता था। ब्याज के रूप में आप कुल 2,89,375 रुपए पेमेंट करते थे। इसके बाद जो प्रभावी ब्याज दर होती थी वह 9.1% होती थी।
कोरोना काल के बाद सबसे सस्ता होम लोन
कोरोना काल के बाद लोन पर ब्याज का गणित एकदम पलट गया। अब इस साल अगर आपने 30 लाख का होम लोन 20 साल के लिए लिया है। तो इस पर ब्याज दर महज 6.75 प्रतिशत मान लिया जाए तो प्रभावी ब्याज दर घट कर 3.3 प्रतिशत पर आ पहुंचा है। वहीं, फिलवक्त टैक्स की छूट 1.50 लाख रुपए है। यानी सालाना जो आप ब्याज दे रहे हैं, उसमें 1.50 लाख रुपए का आप टैक्स क्लेम कर सकते हैं।
टैक्स की दर इस समय 30.9% है
इसके बाद टैक्स की दर इस समय 30.9% है। इस आधार पर आप हर साल लगभग 3,63,000 रुपए का किस्त पेमेंट कर रहे हैं। इसमें से ब्याज का हिस्सा 2,13,720 रुपए होता है। जबकि मूलधन यानी प्रिंसिपिल अमाउंट का हिस्सा 1.50 लाख रुपए होता है। इस आधार पर आप साल में 1.08 लाख रुपए का टैक्स बचाते हैं। जबकि ब्याज के रूप में आप साल में 1.05 लाख रुपए चुकाते हैं। इस तरह से होम लोन की प्रभावी ब्याज दर 3.3% होती है। अगर आपका सिविल स्कोर 800 से ऊपर है तो आप आसानी से लोन ले सकते हैं। लोन की प्रोसेसिंग फीस भी इस समय कहीं-कहीं नहीं लगती है। जोकि अमूमन 25 से 50 हजार रुपए तक होती है। ऐसे में होम लोन के लिए यह एक सही समय है, जिस पर आप फैसला कर सकते हैं।
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