-
Advertisement
बच्चों के यौन शोषण से जुड़े मामलों पर पहचान को रखा जाए गुप्त
शिमला। हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट (Himachal Pradesh High Court) ने बच्चों के यौन शोषण से जुड़े मामलों (sexual abuse cases) में पीड़ित नाबालिग की पहचान गुप्त रखने के लिए जिला ज्यूडिशियरी के विशेष न्यायाधीशों को जरूरी निर्देश जारी किए हैं। न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान व न्यायाधीश वीरेंद्र सिंह की खंडपीठ ने विशेष न्यायाधीशों व पुलिस को निर्देश दिए कि ट्रायल के दौरान पीड़ित बालक की पहचान उजागर न हो पाए। ट्रायल की कार्रवाई अलग से की जाए।
यह भी पढ़ें:स्टेट टीचर अवार्ड में गड़बड़ी को लेकर दायर याचिका में सरकार को नोटिस
विशेष न्यायाधीश (Judge) यह सुनिश्चित करें कि पीड़ित नाबालिग, उसके परिवार, स्कूल, रिश्तेदारों पड़ोसियों व अन्य सम्बंधित जानकारी जो पीड़ित बच्चे की पहचान से जुड़ी हुई हो वह उजागर न हो पाए। पीड़ित नाबालिग व उसके रिश्तेदारों के जब भी कोर्ट के समक्ष बयान दर्ज किए जाएं तो उनके लिए काल्पनिक नामों का इस्तेमाल किया जाए। हाईकोर्ट (High Court) ने स्पेशल जजों को यह भी हिदायत दी है कि वह जब भी ऐसे मामलों में फैसला लिखे तो यह विशेष तौर पर ध्यान रखें कि फैसले में किसी भी तरीके से पीड़ित नाबालिग की पहचान उजागर न हो। प्रदेश उच्च न्यायालय ने सभी विशेष न्यायाधीशों से यह आशा जताई कि वह बच्चों के खिलाफ होने वाले यौन शोषण से जुड़े अपराधों में पोक्सो अधिनियम के प्रावधानों की अक्षरशः अनुपालन सुनिश्चित करेंगे।
हिमाचल और देश-दुनिया की ताजा अपडेट के लिए join करें हिमाचल अभी अभी का Whats App Group