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अब तूफान ने तोड़ी बागवानों की कमर, पकने से पहले ही धड़ाम हुआ आम
नूरपुर/धर्मशाला। हिमाचल (Himachal) के जिला कांगड़ा (Kangra) में गुरुवार रात आए तेज तूफान से काम की फसल को खासा नुकसान पहुंचा है। तूफान के कारण पेड़ों पर लगे आम (Mango) टूटकर नीचे गिर गए हैं। हिमाचल के जिला कांगड़ा के उपमंडल नूरपुर (Nurpur) के अंतर्गत आते अनेक क्षेत्रों में गुरुवार रात चले तेज तूफान के कारण आम की फसल को भारी नुकसान पहुंचा है। आलम यह है कि तेज आंधी के कारण पेड़ों के नीचे आम के ढेर लगे हुए हैं। एक ओर कोरोना (Corona) महामारी के चलते बागवानों और आम लोगों की आर्थिक स्थिति पहले ही बहुत बुरी तरह प्रभावित हुई है। बागवानों को आम की फसल से काफी आशाएं थीं।
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नूरपुर क्षेत्र में इस बार आम की फसल का ऑफ ईयर होने के बावजूद अच्छी खासी फसल होने का अनुमान लगाया जा रहा था, लेकिन पहले झाड़ा रोग और अब बीती रात आए तेज तूफान ने बागवानों की उम्मीदों को गहरा झटका दिया है। जून के प्रथम सप्ताह में आम की अगेती किस्म दशहरी का तुड़ान शुरू हो जाता है, जिसे प्रदेश के साथ साथ बाहरी राज्यों की मंडियों को सप्लाई किया जाता है। अधिकतर बगीचे व्यापारियों ने खरीद लिए हैं तो अनेक बागवान अपने स्तर पर भी इन्हें बेचते हैं, लेकिन तूफान ने यहां आम को धड़ाम कर बागवानों (Gardeners) की कमर तोड़ दी है, तो बगीचों के खरीददार व्यापारियों को भी तेज आंधी के कारण भारी नुकसान झेलना पड़ा है। विगत वर्ष भी नूरपुर क्षेत्र की कुछ पंचायतों में हुई भारी ओलावृष्टि के कारण आम की फसल का भारी नुकसान हुआ था और 90 फीसदी फसल तबाह हो गई थी और इस बार तेज तूफान ने बागवानों की कमर तोड़ कर रख दी है। भारतीय किसान यूनियन के जिलाध्यक्ष सुरेश पठानियां ने कहा कि बीती रात क्षेत्र में आए तेज तूफान ने क्षेत्र में भारी नुकसान किया है। प्रदेश सरकार नुकसान का आकलन करवाकर बागवानों को आर्थिक राहत प्रदान करे।
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उप निदेशक, उद्यान विभाग, कमलशील नेगी ने बागवानों को सलाह देते हुए कहा कि तूफान के कारण जहां पेड़ से टहनियां व डालियां टूट गई हैं व पूर्णरूप से क्षतिग्रस्त हैं, तो पहले उनको आरी से काट कर अलग कर दें व कटी हई जगह पर बोर्डो पेस्ट लगा दें, ताकि भविष्य में किसी बीमारी व कीट के प्रकोप से पेड़ों को बचाया जा सके और फलदार पौधा स्वस्थ रहे। इसके अतिरिक्त जहां फलदार पौधे तूफान के कारण टेढ़े व झुक गए हैं तो उनको बांस या किसी सहारे से सीधा कर दें और जहां किसी टूटी टहनी य डाली को जोड़ने की संभावना हो तो, वहां रस्सी या तार की सहायता से टाट (बोरी) लेकर पेड़ से बांध दें। नीचे गिरे हुए फलों को इकट्ठा कर लें व फलों की छंटाई करके क्षतिग्रस्त फलों को किसी गड्डे में दबा दें और शेष स्वस्थ फलों को उपयोग में ला सकते हैं। उन्होंने बताया कि गत रात को आए तूफान के कारण बागवानों का काफी नुकसान हुआ है, जिसका अभी विभाग द्वारा आकलन नहीं किया गया है। उन्होंने बताया कि जिला के कई क्षेत्रों से प्राप्त सूचना से अवगत हुआ है कि कई जगह फलदार पौधे पूर्ण रूप से जड़ से उखड़ गए हैं, टहनियों, शाखाओं को भी काफी नुकसान हुआ है और फल भी झड़ गए हैं।
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