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हिमाचल ने कर दिया कमाल नेत्रहीन यूं हो जाएंगे सतर्क, NIT हमीरपुर के छात्रों ने जीता IICDC कॉन्क्लेव फिनाले
हमीरपुर। विज्ञान ने हमारे जीवन को बहुत आसन बना दिया है। हमारे समाज के ऐसे वर्ग जिनके लिए विज्ञान की इन नई तकनीकों से फायदा मिलता है या फिर उनकी राहें आसान होती है तो उससे बेहतर कुछ और नहीं हो सकता है। आजके दौर में दिव्यांगजनों की सहायता के लिए कई उपकरण बनाए गए हैं। नेत्रहीनों की बात करें तो इन लोगों को अपने आसपास होने वाली गतिविधियों का आभास हो इसके लिए एनआईटी हमीरपुर ( NIT Hamirpur) के छात्रों ने दृष्टि नाम से एक प्रोजेक्ट तैयार किया है। इस प्रोजेक्ट ने आईआईसीडीसी कॉन्क्लेव के फिनाले ( IICDC Conclave Finale)में जीत दर्ज की है और देश की शीर्ष 60 फाइनल में स्थान पाया है । प्रोजेक्ट दृष्टि को अब आईआईएम बेंगलूरू ( IIM Bangalore) में लांच पैड की व्यवसायिक सलाह के लिए भेजा गया है। आईआईसीडीसी कॉनक्लेव में देश भर की 18,000 टीमों ने पंजीकरण किया था, जिसमें से 75 हजार छात्रों ने इसमें भागीदारी सुनिश्चित करवाई है। छात्रों की इस उपलब्धि पर एनआईटी के डायरेक्टर प्रो ललित अवस्थी व प्रो नवीन चौहान को बधाई दी और जल्द इस प्रोजेक्ट दृष्टि के नए स्टार्ट अप के तौर आने की उम्मीद जताई है। प्रोजेक्ट दृष्टि से नेत्रहीन लोगों को अपने आसपास होने वाली गतिविधियों की जानकारी मिल सकेगी।
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आपको बता दें कि आईआईसीडीसी कॉन्क्लेव (IICDC Conclave)को हर वर्ष टेस्क्स इंस्ट्रूमेंट्स आईआईएम बेंगलुरू द्वारा करवाया जाता है और इसे एआइसीटी व भारत सरकार के द्वारा संचालित किया जाता है। इसमें पूरे देश से हजारों की संख्या में इंजीनियरिंग कॉलेज के छात्र अपने मॉडल्स को भेजते है। एनआईटी के छात्र उत्कृष्ट ने बताया कि इस ऑटो सिस्टम से नेत्रहीनों को काफी मदद मिलेगी। इस उपकरण से उन्हें आगे आने वाली हर चीज का एहसास हो जाएगा। वहीं छात्र ऋषभ ने बताया कि दृष्टि के लिए एनआईटी हमीरपुर के पांच छात्रों ने इस उपकरण को तैयार करने लिए अहम भूमिका निभाई है। उन्होंने कहा देश भर की टॉप 60 टीमों में आने पर वह अपने प्रोफेसर का आभार व्यक्त करते हैं। वहीं एनआईटी के सहायक प्रोफेसर नवीन चौहान ने छात्रों को इस उपकरण को तैयार करने में बधाई दी है। छात्रों द्वारा तैयार किए उपकरण से नेत्रहीन लोगों को लाभ मिलेगा। एनआईटी के निदेशक प्रो ललित अवस्थी ने भी छात्रों को उपकरण तैयार करने के लिए बधाई दी। उन्होंने कहा कि इस उपकरण के स्टार्टअप प्रोजेक्ट्स तैयार होने से एनआईटी हमीरपुर को लाभ मिलेगा।