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प्रवासी मजदूरों के ‘मसीहा’ बने सोनू सूद को शिवसेना ने बताया BJP का प्यादा
नई दिल्ली। लॉक डाउन (Lock down) के बीच फंसे प्रवासी मजदूरों को अपने खर्च पर घर वापस भेजने वाले एक्टर सोनू सूद (Sonu sood) को महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ शिवसेना ने बीजेपी (BJP) का प्यादा बताया है। पार्टी नेता संजय राउत (Sanjay Raut) का कहना है कि बीजेपी सोनू सूद का इस्तेमाल सरकार पर हमला करने के लिए कर रही है। उनका आरोप है कि बीजेपी के कुछ लोगों ने सोनू सूद को एडॉप्ट किया है और ये काम चुपके चुपके हुआ है।
पैसे के लिए कुछ भी कर सकते हैं सोनू सूद
संजय राउत ने एक स्टिंग ऑपरेशन का हवाला देकर आरोप लगाया है कि सोनू सूद पैसे के लिए कुछ भी कर सकते हैं। संजय राउत ने कहा कि इन सब के पीछे कौन है? उन्होंने कहा कि अब सोनू सूद का नाम मन की बात में आएगा, उन्हें पीएम मोदी से मिलने का मौका मिलेगा, फिर वो दिल्ली, यूपी में बीजेपी का प्रचार करेंगे।
अचानक सोनू सूद नाम का महात्मा तैयार हो गया
संजय राऊत ने एक आर्टिकल लिखा है जिसमें उन्होंने लिखा लॉक डाउन में अचानक सोनू सूद नाम का महात्मा तैयार हो गया है। उन्होंने लिखा- ‘महाराष्ट्र में सोशल वर्क की लंबी परंपरा रही है, इसमें महान सामाजिक कार्यकर्ता महात्मा ज्योतिबा फुले और बाबा आम्टे शामिल रहे हैं, और अब इस लिस्ट में एक और व्यक्ति शामिल हो गए हैं, वह हैं सोनू सूद.” उनके कई वीडियो और तस्वीरें दिख रही हैं, उनमें सोनू सूद चिलचिलाती धूप में प्रवासी मजदूरों की मदद कर रहे हैं।’
राज्य सरकार की मदद के बिना कुछ नहीं कर सकते थे
उन्होंने आगे अपने आर्टिक्ल में लिखा- जिन लोगों को केंद्र और राज्य सरकार घर नहीं भेज सकी है, सोनू सूद ने उन्हें अपने घर भिजवाया। यहां तक कि राज्यपाल ने भी उनकी तारीफ की। इन अभियानों के पीछे सोनू सूद महज एक चेहरा हैं। महाराष्ट्र के कुछ राजनीतिक दल सोनू सूद का इस्तेमाल उद्धव सरकार पर आरोप लगाने के लिए कर रहे हैं। ये लोग सोनू सूद को सुपरहीरो के तौर पर पेश करने में सफल रहे हैं, लेकिन राज्य सरकार की मदद के बिना वे कुछ नहीं कर सकते थे।’