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2020 के लिए पॉल मिलग्रोम और रॉबर्ट विल्सन को दिया गया #Economics का नोबल पुरस्कार
नई दिल्ली। ‘ऑक्शन थ्योरी में सुधार और नीलामी के नए फॉर्मैट की खोज के लिए’ पॉल आर मिलग्रोम (Paul R. Milgrom) और रॉबर्ट बी विल्सन (Robert B. Wilson) को अर्थशास्त्र का नोबल पुरस्कार 2020 (Nobel Prize of Economics 2020) दिया गया है। रॉयल स्वीडिश अकैडमी ऑफ साइंसेज़ ने पुरस्कार का ऐलान करते हुए कहा, ‘उन्होंने अधिकतम आय की जगह व्यापक सामाजिक फायदे के लिए कई संबंधित चीज़ों की एकसाथ नीलामी करने को लेकर नए फॉर्मैट की खोज की।’ निर्णायक मंडल ने कहा, ‘नीलामी सिद्धांत और नए नीलामी प्रारूपों के आविष्कारों में सुधार के लिए दोनों को सम्मानित किया गया।’
BREAKING NEWS:
The 2020 Sveriges Riksbank Prize in Economic Sciences in Memory of Alfred Nobel has been awarded to Paul R. Milgrom and Robert B. Wilson “for improvements to auction theory and inventions of new auction formats.”#NobelPrize pic.twitter.com/tBAblj1xf8— The Nobel Prize (@NobelPrize) October 12, 2020
रॉयल स्वीडिश एकेडमी ऑफ साइंसेज के महासचिव गोरान हैंसन ने सोमवार को स्टॉकहोम में अर्थशास्त्र के नोबेल पुरस्कार विजेताओं के नाम की घोषणा की। अर्थशास्त्र के क्षेत्र में यह पुरस्कार ऐसे समय दिया गया है जब दुनिया कोरोना वायरस महामारी की वजह से द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद सर्वाधिक भीषण मंदी का सामना कर रही है। नोबेल पुरस्कार कमिटी ने विजेता की घोषणा ट्विटर पर किया, ‘अल्फ्रेड नोबेल की स्मृति में आर्थिक विज्ञान में 2020 का Sveriges रिकबैंक पुरस्कार को नीलामी के सिद्धांत और नई नीलामी के आविष्कारों में सुधार के लिए पॉल आर मिलग्रोम और रॉबर्ट बी विल्सन को दिया गया है। अल्फ्रेड नोबेल की स्मृति में आर्थिक विज्ञान में Sveriges Riksbank पुरस्कार 1969 से 2019 के बीच 51 बार 84 लॉरेट्स को दिया गया है।
नोबेल पुरस्कार सप्ताह का हुआ समापन
तकनीकी रूप से इसे ‘स्वीरिजेज रिक्सबैंक प्राइज इन इकोनॉमिक साइंसेज इन मेमोरी ऑफ अल्फ्रेड नोबेल’ (Sveriges Riksbank Prize in Economic Sciences in Memory of Alfred Nobel) के तौर पर जाना जाता है। बता दें कि इस प्रतिष्ठित पुरस्कार की स्थापना साल 1969 में की गई थी और तब से अब तक यह 51 बार प्रदान किया जा चुका है और इसे नोबेल पुरस्कारों में से एक माना जाता है। अर्थशास्त्र के नोबेल पुरस्कार की घोषणा के साथ ही नोबेल पुरस्कार सप्ताह का समापन हो गया। पिछले साल यह पुरस्कार मैसाच्युसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के दो रिसर्चर्स और हॉर्वर्ड यूनिवर्सिटी के एक रिसर्चर को दिया गया था। उन्हें यह सम्मान वैश्विक गरीबी दूर करने की दिशा की गई रिसर्च के लिए दिया गया था।