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चंडीगढ़ : कोरोना वायरस (Corona virus) के बढ़ रहे संकट के बीच पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट(Punjab and Haryana High Court) ने अभिवावकों को बड़ा झटका दिया है। स्कूलों में बच्चों के फीस को लेकर लगातार ही विवाद चल रहा था जिस पर मंगलवार को पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट में सुनवाई हुई। फैसले में प्राइवेट स्कूलों को राहत देते हुए अभिवावकों की चिंताए बढ़ा दी हैं। कोर्ट (Court) ने अपने फैसले में कहा है कि अब पंजाब में अभिवावकों को बच्चों की स्कूल फीस देनी होगी। हालांकि, इसमें कुछ राहत दी गई है, वह ये कि स्कूल ये फीस बढ़ा नहीं सकेंगे। ये फीस पिछले साल 2019 की तरह ही चार्ज की जाएगी।
हाईकोर्ट ने प्राइवेट स्कूलों को निर्देश दिया है कि अगर किन्हीं कारणों से कोई भी अभिभावक बच्चों की फीस नहीं भर पा रहा है तो उसकी दलील सुनी जाए और अगर किसी प्राइवेट स्कूल का खर्चा पूरा नहीं हो पा रहा है तो वो स्थानीय डिस्ट्रिक्ट एजुकेशन ऑफिसर (District Education Officer) को अपनी बात लिखित में बता सकता है। कोर्ट का कहना है कि प्राइवेट स्कूलों का अपने टीचिंग और नॉन टीचिंग स्टाफ को लगातार सैलरी दिए जाने की वजह से और बिल्डिंग और स्कूलों का अन्य खर्चा हो रहा है इसलिए स्कूलों को भी कुछ राहत दी जानी चाहिए।
गौर हो, कोरोना महामारी के कारण लॉकडाउन लगाया गया था, जिसके चलते बंद पड़े 3 हजार से ज्यादा निजी स्कूल संचालकों (Private school operators) ने पंजाब सरकार के सिर्फ ट्यूशन फीस (tuition fees) लिए जाने के निर्देशों को पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट (Punjab and Haryana High Court) में चुनौती दी थी। इस मामले में पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह (CM Captain Amarinder Singh) ने भी अभिभावकों का पक्ष लेते हुए कहा था कि लॉक डाउन के दौरान निजी स्कूल बच्चों के अभिवावकों से फीस नहीं बसूल सकते।
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