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Bird Flu : अब ऐसे होंगे पौंग में मिले मृत प्रवासी पक्षी डिस्पॉज ऑफ-देखें Video
रविन्द्र चौधरी/ जवाली। बर्ड फ्लू के कारण पौंग झील में प्रवासी पक्षियों के मरने का सिलसिला लगातार जारी है। भारी वर्षा के बावजूद वन्य प्राणी विभाग के कर्मचारी पीपी किट पहनकर इन मृत प्रवासी पक्षियों (Dead migratory birds) को इकट्ठा करने में लगे हैं। नगरोटा-सूरियां, धमेटा, सिहाल, स्थाता तथा आसपास के क्षेत्रों में मंगलवार को करीब 300 से अधिक प्रवासी पक्षी मृत मिले हैं। इस तरह अब तक 3000 से अधिक पक्षी मौत हो गई है। उधर, विभाग के कर्मचारी इन मृत पक्षियों को ट्रैक्टरों में ले जाकर एक बड़े गड्ढे में डालकर उन्हें जलाते हैं फिर गड्डे में दबाया जाता है। पशुपालन विभाग के डिप्टी डायरेक्टर संजीव कुमार ने कहा कि पौंग डैम (Pong Dam) में मृत पक्षियों को अब सिर्फ पशुपालन विभाग (Animal husbandry department) ही डिस्पोज ऑफ करेगा। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के आदेश के बाद ही यह फैसला लिया गया है। पता चला है कि सबसे अधिक बारहेडेड गीज नाम के प्रजातियों के पक्षियों के अलावा कामन पचार्ड, ग्रेलग गीज, नाय रन शवलर इन प्रजातियों के पक्षियों के अलावा और बहुत सी प्रजातियां ऐसी हैं, जो झील के किनारे मरे हुए मिले हैं।
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पहले कोरोना से अब बर्ड फ्लू से मछुआरों (Fishermen) की रोजी-रोटी पर संकट आ गया है। सरकार ने झील के किनारे रेड अलर्ट जारी कर दिया है जिसके चलते किसी भी व्यक्ति पशु या फिर अन्य कोई भी गतिविधि पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध लगा दिया गया है। बहुत से मछुआरों के जाल अभी भी पंचशील में लगे हुए हैं क्योंकि पूर्ण रूप से प्रतिबंध लगने के कारण बहुत से मछुआरे झील से अपने जाल नहीं ला सके। मछुआरे व मत्स्य सहकारी सभा खटियाड़ के पदाधिकारी राजेन्द्र कुमार, प्रवीण कुमार, सचिव बोधराज, मदन चौधरी, विधि चंद, रवि चौधरी चमन व छोटू इत्यादि ऐसे बहुत से और मछुआरे हैं जिनके जाल अभी भी पौंग झील में लगे हैं। बर्ड फ्लू के खतरे के बीच अब पोंग डैम के साथ सटे खटियाड़ के इलाके में मछली बेचने वाले लोगों के लिए नया संकट खड़ा हो गया है।
पोंग डैम से सटे खटियाड़ इलाके में मछली बेचने वालों की कुछ दुकानें सुनसान दिखाई दे रही हैं। मछली बेच कर अपना पेट पालने वाले इन कारोबारियों (Businessmen) के सामने पहले कोरोना और उसके बाद बर्ड फ्लू ने नया संकट पैदा कर दिया है यहां कई ऐसे छोटे दुकानदार हैं, जो बैंक का लोन लेने के बाद अपना घर परिवार चला रहे थे। हाईवे पर चला रहे इन दुकानदारों को मछली बेचने पर प्रतिबंध लगाए जाने की एडवाइजरी के बाद गहरा झटका लगा है। अमूमन पंजाब जम्मू और आसपास के हिमाचल के लोग सर्दियों के इस मौसम में मछली खाने यहां भारी तादाद में आते थे, लेकिन यह दुकानें अब सुनसान पड़ी हैं और दुकानदारों का दर्द झलक कर बाहर आ रहा है।
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