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धरातल से 3000 फीट नीचे बसे हैं भारत के ये 12 गांव, शाम से पहले हो जाता है अंधेरा
दुनिया में कई तरह के अजूबे हैं। वहीं, भारत में भी कई ऐसे अजूबे हैं, जिनके साथ कई रोचक किस्से जुड़े हुए हैं। भारत में कई जगह ऐसी हैं, जहां केवल घने पेड़ हैं। इतना ही नहीं कुछ ऐसी जगह हैं जहां सूरज की किरणें भी बड़ी मुश्किल से पहुंच पाती हैं। देश में ऐसे 12 गांव हैं, जो धरातल से 3000 फीट नीचे बसे हुए हैं। इस जगह का नाम पातालकोट है।
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यह पातालकोट नामक जगह देश के राज्य मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले में सतपुड़ा की पहाड़ियों में स्थित है। यह गांव धरातल से तीन हजार फीट नीचे बसे हुए हैं, जिसके चलते इन गांव में सीधी धूप नहीं आती है। इन गांव में शाम से पहले ही अंधेरा हो जाता है। पातालकोट के गांव में औषधियों का खजाना है। इस जगह में भूरिया जनजाति के लोग रहते हैं और गांव में ज्यादातर लोग झोपड़ी में रहते हैं। पातालकोट के गांव के लोग बाहरी दुनिया से ज्यादा वास्ता नहीं रखते हैं। यह लोग ज्यादातर खाने-पीने की चीजें भी अपने गांव में ही उगा लेते हैं। यह लोग सिर्फ नमक खरीदने के लिए गांव से बाहर जाते हैं। हाल ही में पातालकोट के कुछ गांव में सड़क जोड़ने का काम पूरा हुआ है। वहीं, अब कुछ लोग घाटी के निचले हिस्से से निकलकर ऊपरी हिस्से में आकर बस गए हैं। गौरतलब है कि कोरोना महामारी ने पूरी दुनिया में कहर मचाया हुआ है, लेकिन पातालकोट के इन 12 गांवों में कोरोना किसी को छू भी नहीं पाया। पूरे कोरोना काल में यहां से एक भी केस नहीं मिला।
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कथाओं के अनुसार इसी जगह पर श्री राम की पत्नी माता सीता धरती में समा गई थी। वहीं, कुछ मान्यताओं के अनुसार, यह पातालकोट वही जगह है जहां राक्षस अहिरावण श्री राम और भगवान लक्ष्मण को उठा कर पाताल ले गया था तो भगवान हनुमान उन्हें बचाने के लिए यहीं से पाताल में गए थे
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