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पौंग डैम के वैटलैंड एरिया में खेती करने की अनुमति: सीएम सुक्खू
Himachal Budget session: शिमला। हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले के विश्व प्रसिद्ध पौंग डैम एरिया वेटलैंड (Pong Dam Wetland Area ) में अब खेती-बाड़ी भी हो सकेगी। सरकार ने इस साल से इसकी इजाजत दे दी है। सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू(CM Sukhwinder Singh Sukhu) ने हिमाचल विधानसभा में बजट सत्र(Budget session in Himachal vidhansabha) में प्रश्नकाल के दौरान विधायक होशियार सिंह के मूल और भवानी सिंह पठानिया व बिक्रम सिंह के प्रतिपूरक के सवाल के जवाब में यह बात कही। सीएम ने कहा कि पौंग डैम एरिया (Pong Dam Area) को अभी तक इको सेंसिटिव जोन (sensitive zone) घोषित नहीं किया गया है और ना ही इसकी कोई अधिसूचना जारी की गई है। जब इसे अधिसूचित किया जाएगा, उससे पहले संबंधित विधानसभा हलकों के विधायकों से चर्चा कर उनके सुझाव लिए जाएंगे। सरकार अभी वाइल्ड लाइफ सेंक्चुरी एरिया से कुछ हिस्से को हटाने के प्रयास कर रही है, लेकिन इसके नियम काफी कड़े हैं। पहले वाइल्ड लाइफ सेंक्चुरी की अधिसूचना जारी होगी और उसके बाद इको सेंसिटिव जोन बनाने का कार्य किया जाएाग।
पीसीसीएफ को भी लिखकर दे सकते हैं
सीएम ने कहा कि यह मामला काफी गंभीर है और विधायक काफी चिंतित हैं। उन्होंने कहा कि सरकार उनकी चिंता से वाकिफ है और जल्द ही सभी से विचार-विमर्श किया जाएगा और वे पीसीसीएफ( PCCF) को भी लिखकर दे सकते हैं। यहां पर पर्यटकों की संख्या में कमी आई है। इसका कारण प्राकृतिक आपदा और बोटिंग के लाइसेंस पिछले लंबे समय से जारी न होना है। उन्होंने कहा कि पर्यटन विभाग(Tourism department) को आदेश जारी कर दिए गए हैं कि वह बोटिंग के लाइसेंस जारी करे।
138 स्कीमों का कार्य अभी भी अधूरा: हर्षवर्धन चौहान
उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान(Industry Minister Harshvardhan Chauhan) ने कहा कि जल जीवन मिशन (Jal Jeevan Mission) के तहत अभी भी 138 स्कीमों का कार्य अधूरा है। इस कार्य को पूरा करने और बचे हुए पेयजल कनेक्शन जारी करने के लिए केंद्र सरकार से दो हजार करोड़ रुपए की मांग की गई है। उन्होंने कहा कि पिछले तीन वर्षों में 15 जनवरी 2024 तक 1163 योजनाएं स्वीकृत हुईं व इन योजनाओं की 2470.21 करोड़ रुपए की प्रशासनिक अनुमोदन व व्यय स्वीकृति हुई। वे विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान विधायक विपिन सिंह परमार, दलीप ठाकुर और सुखराम चौधरी के संयुक्त सवाल का जवाब दे रहे थे। हर्षवर्धन चौहान(Harshvardhan Chauhan) ने कहा कि विभाग के आंकड़ों के अनुसार प्रदेश के सभी घरों में पानी का कनेक्शन लग गया है और इसे आधार से लिंक किया गया है। जबकि वास्तविकता यह है कि परिवार के सदस्य अलग-अलग जगहों पर रहते हैं और घर के मुखिया को ही पेयजल कनेक्शन मिले हैं। उन्होंने कहा कि सरकार ऐसे सभी घरों को चिन्हित करेगी और वहां पर पेयजल कनेक्शन जारी करेगी।
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एक सप्ताह में मौके पर जाकर निपटाएंगे समस्या
राजस्व मंत्री जगत सिंह ने कहा कि कांगड़ा( Kangra) जिले में शाहपुर विधानसभा हलके से होकर गुजरने वाले राष्ट्रीय उच्च मार्ग में लोगों की समस्याओं का समाधान जल्द किया जाएगा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार डीसी कांगड़ा और परियोजना निदेशक को निर्देश जारी करेगी कि वह एक सप्ताह के भीतर मौके पर जाकर प्रभावितों की समस्याओं को सुने और उनका निपटारा करे। विधायक केवल सिंह पठानिया और पवन काजल के सवाल के जवाब में राजस्व मंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय उच्च मार्गों और हवाई अड्डों के विस्तारीकरण (Expansion of national highways and airports) में मुआवजे की अदायगी के लिए सर्कल रेट निर्धारित नहीं किए जाते, बल्कि सर्कल रेट तय करने की एक सामान्य प्रक्रिया है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय उच्च मार्ग के साथ लगती जमीन का सर्कल रेट अलग होगा और ग्रामीण सड़कों का और होगा। उन्होंने कहा कि विधायक ने जो सवाल उठाए हैं कि फोरलेन में भूमि अधिग्रहण के लिए मुआवजा अलग-अलग रेट पर दिया गया है, ऐसा हो सकता है, क्योंकि सर्कल रेट अलग-अलग होने के कारण ऐसा संभव है।