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बता दें कि केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता वाली इस बैठक में राज्यों के वित्त मंत्री शामिल हुए। बैठक में जीएसटी से जुड़े मुद्दों पर दरों को युक्तिसंगत बनाने के मकसद से छूट वापस लेने की सिफारिशें आई थीं। परिषद की ये बैठक दो दिन की है। मंगलवार को जीएसटी से छूट की समीक्षा को लेकर मंत्री समूह की सिफारिशों को मान स्वीकार कर लिया गया है। फिलहाल ये छूट डिब्बाबंद और लेबल युक्त खाद्य पदार्थों को मिलती है। इससे डिब्बा बंद मांस (फ्रोजन छोड़कर), मछली, दही, शहद, पनीर, सूखा मखाना, सोयाबीन, मटर जैसे उत्पाद ,गेहूं और अन्य अनाज, गेहूं का आटा, मूरी, गुड़, सभी वस्तुएं और जैविक खाद जैसे उत्पादों पर अब पांच प्रतिशत जीएसटी लगेगी। जबकि, खुले में बिकने वाले बिना ब्रांड वाले उत्पादों पर जीएसटी छूट जारी रहेगी। वहीं, चेक जारी करने पर भी बैंकों द्वारा लिए जाने वाले शुल्क पर 18 प्रतिशत जीएसटी लगेगा। इसके अलावा एटलस समेत नक्शे और चार्ट पर 12 प्रतिशत जीएसटी लगेगा।
बैठक में 1000 रुपए प्रतिदिन से कम किराए वाले होटल कमरों पर 12 प्रतिशत जीएसटी लगाने की बात कही गई है। हालांकि, अभी इस पर कोई टैक्स नहीं लगता है। आज की बैठक में परिषद राज्यों के राजस्व नुकसान की भरपाई के लिए क्षतिपूर्ति व्यवस्था जून, 2022 के बाद भी जारी रखने की मांग पर विचार कर सकती है। इसके अलावा ऑनलाइन गेमिंग, कैसीनो और घुड़दौड़ पर 28 प्रतिशत जीएसटी लगाने जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर पर चर्चा हो सकती है। गौरतलब है कि भारांश औसत जीएसटी को बढ़ाने की लिए दरों को युक्तिसंगत बनाना बेहद जरूरी है। भारांश औसत जीएसटी घटकर 11.6 प्रतिशत पर आ गया है जो इस टैक्स व्यवस्था के लागू होने के समय 14.4 प्रतिशत था। इसी के चलते जीएसटी परिषद ने खाद्य तेल, कोयला, एलईडी लैंप, सौर बिजली हीटर समेत कई अन्य उत्पादों पर कच्चे माल और मध्यवर्ती वस्तुओं के मुकाबले तैयार उत्पादों पर अधिक कर में सुधार की सिफारिश की है।
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