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हिमाचलः 103 बार रक्तदान कर ऊना डाइट के प्रिंसिपल ने रचा बड़ा कीर्तिमान
ऊना। समाज सेवा करने के कई तरीके हैं, लेकिन रक्तदान महादान जैसा कोई तरीका नहीं है। जिला के एक उच्च अधिकारी इस तथ्य को साबित भी करते हैं। वहीं, युवाओं के लिए रोल मॉडल बन रहे यह अधिकारी प्रेरणा का एक अच्छा स्रोत भी बन कर सामने आए हैं। हम बात कर रहे हैं जिला के डाइट संस्थान (Diet Institute) के प्रधानाचार्य देवेंद्र सिंह चौहान की। जो अभी तक 103 बार रक्तदान करते हुए एक बड़ा कीर्तिमान स्थापित कर चुके हैं।
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रक्तदान (Blood donation) के इस अभियान को देवेंद्र चौहान आगे भी जारी रखने की वचनबद्धता दोहराते हैं। वर्ष 1991 में धर्मशाला (Dharamshala) में बीएड करते हुए रक्तदान के क्षेत्र में पदार्पण करने वाले देवेंद्र सिंह चौहान न केवल खुद नियमित रूप से साल में चार बार रक्तदान करते हैं, बल्कि युवाओं को भी सदैव प्रेरित करते हुए इस महादान के लिए आगे आने का आह्वान करते हैं।
हर साल चार बार करते है रक्तदान
जिला के डाइट संस्थान के प्रधानाचार्य देवेंद्र सिंह चौहान (Principal Devendra Singh Chauhan) ने शनिवार को रक्तदान करते हुए एक और पायदान हासिल किया। अभी तक कुल मिलाकर यह 103 बार रक्तदान कर चुके हैं। वर्ष 1991 से रक्तदान कर रहे देवेंद्र सिंह चौहान प्रतिवर्ष औसतन 4 बार रक्तदान करते हैं। देवेंद्र सिंह चौहान युवाओं के लिए रक्तदान के लिए एक प्रेरणा का स्त्रोत बन चुके हैं। देवेंद्र सिंह चौहान कहते हैं न तो कभी कोई कमजोरी महसूस हुई और न ही किसी प्रकार की कोई विकृति पैदा हुई। अपितु रक्तदान करके एक सुकून अवश्य मिलता है। उन्होंने युवा पीढ़ी से भी रक्तदान की इस मुहीम में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करने का आह्वान किया, ताकि खून की कमी के चलते किसी भी जिंदगी को नुक्सान न हो।
एक अधिकारी के ऐसे संदेश से बढ़ता है युवाओं का हौसला
सीएमओ ऊना डॉ. मंजू बहल (CMO Una Dr. Manju Behl) ने देवेंद्र सिंह चौहान के रक्तदान के अभियान को समाज के लिए सार्थक बताया। उन्होंने कहा कि यदि एक अधिकारी समाज को इस तरह का संदेश देता है, तो पीड़ित मानवता की सेवा में आगे आने के लिए युवाओं की भी हौसला अफजाई होती है।
उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग (Health Department) भी लोगों को रक्तदान के प्रति सचेत करने के लिए लगातार जागरुकता अभियान चला रहा है। जिसका नतीजा यह है कि आज के समय में जिला भर में कई संस्थाएं स्वास्थ्य विभाग के साथ समन्वय स्थापित करते हुए रक्तदान शिविरों का आयोजन कर रही हैं, जिसके चलते कोविड-19 जैसी महामारी के दौर में भी जिला के ब्लड बैंक (Blood bank) में रक्त की कमी कमी नहीं आने पाई।