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शिमला। कोरोना संकट शिमलावासियों को किसी तरह की राहत न मिलने पर शिमला नागरिक सभा ने सरकार और नगर निगम शिमला (Municipal Corporation Shimla) के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। नगर निगम की मासिक बैठक में शहरवासियों को बिजली, पानी, कूड़ा और प्रॉपर्टी टैक्स में छूट ना मिलने पर शिमला नागरिक सभा ने सोमवार को डीसी ऑफिस के बाहर प्रदर्शन (Protest) किया और राहत देने की मांग की। शिमला नागरिक सभा के संयोजक विजेंद्र मेहरा ने प्रदेश सरकार और नगर निगम शिमला पर आरोप लगाया है कि कोरोना संकट के दौर में शहरवासियों को किसी तरह की कोई राहत नहीं दी है। कोरोना संकट के समय सरकार और नगर निगम शिमला शहरवासियों को किसी तरह की राहत नहीं दे रही है।
उन्होंने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी एक तरफ 20 हजार करोड़ रुपए की आर्थिक पैकेज (Economic package) की घोषणा कर रहे हैं लेकिन यह पैसा अमीरों को राहत प्रदान कर रहा है जबकि गरीब लोगों को इसका अभी तक कोई फायदा नहीं पहुंच पाया है। जिससे गरीब वर्ग परेशान हो गया है। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के दौरान शहर में काम करने वाले लोगों की नौकरी चली गई है और कई लोगों का कारोबार ठप हो गया है ऐसे में शहरवासियों को बिजली, पानी, कूड़ा और प्रॉपर्टी टैक्स के बिलों (Property tax bills) में कोई राहत नहीं दी है। ऐसे में बिजली और कूड़े के बिल भारी भरकम जारी कर दिए हैं जिससे जनता की चिंता और सत्ता रही है। नागरिक सभा ने सरकार और निगम प्रशासन से शहरवासियों को राहत देने की मांग की उन्होंने इस संबंध में नगर निगम आयुक्त को ज्ञापन भी सौंपा और जल्द इस बारे में निर्णय लेने की मांग की। नागरिक सभा ने शहरवासियों को राहत ना मिलने पर 6 जुलाई को जनआंदोलन करने की चेतावनी दी है।
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