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आशियाना बनाने के लिए रखे थे ईंट, पत्थर, रेत-बजरी, बारिश सब कुछ ले गई बहाकर
मंडी। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत गरीब परिवार को घर बनाने के लिए पैसे मिले थे। घर बनाने के लिए ईंट, पत्थर, रेत-बजरी सहित अन्य सामान इकट्ठा करके रखा हुआ था। लेकिन बीती 14 अगस्त को बारिश ने ऐसा तांडव मचाया कि घर बनाने के लिए इकट्ठा किया सामान तो बह ही गया लेकिन जिस मकान में रह रहे थे वो भी अब रहने लायक नहीं बचा।
यह कहानी है नगर निगम मंडी के वार्ड नंबर 4 नेला के शिल्लाहकिपड़ की सरोज देवी की। अब सरोज देवी अपनी दुधमुंही बच्ची के साथ सौली खड्ड में साक्षरता एवं जन विकास समिति के कार्यालय में चलाए जा रहे राहत शिविर में दिन गुजारने को मजबूर है। प्रभावित सरोज देवी ने बताया कि उनका पुराना घर बारिश के कारण प्रभावित हो गया है और प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत वे नया घर बना रही थी जिसका सारा सामान भी मलबे के साथ बह गया है। ऐसे में अब रहने को कोई आसरा नहीं बचा है। सरकार से मदद की दरकार है।
हर रोज शाम ढलते ही वीरान हो जाता है शिल्लाहकिपड़
वहीं, शिल्लाहकिपड़ इलाका रोजाना शाम ढलते ही वीरान हो रहा है। बीती 14 अगस्त की सुबह शिल्लाहकिपड़ वालों के लिए कभी न भरने वाले जख्म लेकर आई। यहां भारी बारिश के कारण नाले में इतना ज्यादा मलबा बहकर आ गया कि उस मलबे की चपेट में आने से कोई घर अछूता नहीं रहा। तीन घर पूरी तरह से नष्ट हो गए और बाकी घरों को भी मलबे ने खासा नुकसान पहुंचाया। उसके बाद प्रभावितों के लिए दो स्थानों पर राहत शिविर लगाए गए जिसमें एक घुघता देव के मंदिर में है जबकि दूसरा साक्षरता एवं जन विकास समिति के कार्यालय में है।
दिन में लोग आ रहे घरों में, रात गुजारनी पड़ रही तम्बुओं में
प्रभावित विश्म्बर सिंह, खेम सिंह और कौशल्या देवी ने बताया कि दिन को वे अपने घरों की तरफ जाकर वहां व्यवस्थाओं को सुधारने का काम करते हैं तो शाम होते ही वापिस अपने राहत शिविरों में आ जाते हैं। इनका कहना है कि गांव वालों ने जो भयानक मंजर देखा है उसके बाद अब रात को यहां ठहरने की हिम्मत नहीं हो रही है। बरसात जाने के बाद ही अब रात को वापिस अपने घरों में रहने को नसीब हो पाएगा। नेला वार्ड के पार्षद राजेंद्र मोहन ने बताया कि प्रभावितों को हर प्रकार की सुविधाएं प्रदान करने का पूरा प्रयास किया जा रहा है। रहने और खाने की उचित व्यवस्था की गई है। जो भी नुकसान हुआ है उसकी भरपाई करने का पूरा प्रयास किया जा रहा है। सरकार, नगर निगम और दानी सज्जनों के सहयोग से सभी प्रभावितों की यथासंभव मदद की जाएगी।
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