- Advertisement -
शिमला। पांच राज्यों में महिला वोटर के भरोसे जीत हासिल करने वाली बीजेपी हिमाचल प्रदेश में भी महिलाओं के मुद्दे पर राजनीति करती नजर आ रही है। रोहड़ू (Rohru) की एक जनसभा में विक्रमादित्य सिंह (Vikramaditya Singh) द्वारा एक बीजेपी महिला नेत्री के खिलाफ दिए विवादित बयान पर घेरने के लिए बीजेपी ने महिला मोर्चा अध्यक्ष रश्मिधर सूद को मैदान में उतारा। सोमवार को रश्मिधर सूद विक्रमादित्य पर इतनी हमलावर हो गई कि वह अपना आपा ही खो बैठी। रश्मिधर सूद आज मीडिया (Media) से रूबरू हो रही थी। इस दौरान पत्रकारों के एक सवाल पर बीजेपी नेत्री अपना संयम खोती नजर आई। पत्रकारों के एक सवाल को सुनकर बीजेपी नेत्री रश्मिधर सूद भड़क गई और पत्रकारों पर मां बहन की टिप्पणी करने लगी।
बता दें कि सोमवार को बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष महिला मोर्चा रश्मिधर सूद (BJP State Mahila Morcha President Rashmidhar Sood) विक्रमादित्य सिंह द्वारा दिए गए विवादित बयान पर मांगी गई माफी पर हमला कर रही थी। इस दौरान पत्रकारों ने जब उनसे सवाल पूछना शुरू किए तो वह भड़क गईं और सवाल सुनकर मां-बहन पर व्यक्तिगत टिप्पणी करने लगीं। विधायक विक्रमादित्य सिंह पर हमला साधते-साधते रश्मिधर सूद शायद यह भूल गई कि वह जनसभा में नहीं बल्कि पत्रकार वार्ता को संबोधित कर रही हैं और यहां उनसे पूछे गए सवालों के जवाब देने होंगे। यह पहली बार नहीं है जब रश्मिधर अपने संबोधन के दौरान अपना आपा खो बैठी। इससे पहले भी वे अपने इस तरह के बयानों के लिए सुर्खियों में बनी रही है।
इससे पहले रश्मिधर सूद ने विक्रमादित्य पर हमला करते हुए कहा था कि विक्रमादित्य सिंह की माफी हिमाचल की महिला शक्ति को स्वीकार्य नहीं है। इतनी बड़ी गलती के बाद एक साधारण सॉरी कह देने से सब ठीक नहीं होगा। उन्हें सार्वजनिक रूप से 68 विधानसभा क्षेत्रों में जाना होगा और हमारे राज्य की महिलाओं से माफी मांगनी होगा। उन्होंने कहा कि हिमाचल एक शांतिप्रिय राज्य है और हिमाचल के लोग ईश्वरीय हैं। वे विक्रमादित्य को इस तरह के बयान के लिए कभी माफ नहीं करेंगे। यह दुर्भाग्यपूर्ण था कि उन्होंने रोहड़ू की अनुसूचित जाति समुदाय की एक महिला के खिलाफ ष्गोद में बैठकरष् भाषा का इस्तेमाल किया।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस युवराज अपने चुनावी करियर में एक बड़ी सीट पर नजर गड़ाए हुए हैं, लेकिन उन्हें एक बात याद रखनी चाहिए कि महिलाओं के समर्थन के बिना कोई भी लड़ाई नहीं जीती जा सकती। हम इस राज्य में 50 फीसदी से अधिक हैं। ऐसे में उन्हें पहले महिलाओं का सम्मान करना होगा।
- Advertisement -