-
Advertisement
शरीर की नसें होती हैं नीली और हरी, फिर खून क्यों होता है लाल
दुनिया में बहुत सारी अजीबो-गरीब चीजे हैं। जैसे हमारे शरीर की बात करें तो हमारे शरीर में लाल रंग का खून (Blood) होता है, जबकि हमारी नसें नीली या हरी होती हैं। आज हम आपको नसों के हरा व नीला होने और खून के लाल होने के पीछे के विज्ञान के बारे में बताएंगे।
यह भी पढ़ें:शरीर में हो रहे बदलावों को ना करें इग्नोर, हो सकता है किसी बड़ी बीमारी का संकेत
बता दें कि खून का रंग एक प्रोटीन-हीमोग्लोबिन की वजह से लाल होता है। हीमोग्लोबिन (Hemoglobin) में लाल रंग के घटक होते हैं, जिन्हें हीम कहा जाता है। हीम का काम शरीर में ब्लड फ्लो के साथ ऑक्सीजन को ले जाना होता है। वहीं, हीम में मौजूद आयरन ऑक्सीजन से मिलता है और इनके मेल से बनने वाला अणु यानी मॉलेक्यूल ही फेफड़ों से शरीर के तमाम अंगों तक ऑक्सीजन पहुंचाता है।
इसलिए लाल होता है खून
गौरतलब है कि किसी भी चीज का रंग इस बात पर निर्भर करता है कि वह किस रंग के प्रकाश को सोखती है और किसे वापस लौटती है। यानी अगर कोई चीज बैंगनी रंग की दिखती है तो इसका मतलब है कि वह सफेद प्रकाश, जिसमें सात रंग की प्रकाश किरणें मौजूद होती हैं वह बैंगनी रंग को लौटा देती है और बाकी रंगों को सोख लेती है।
यही बात रासायनिक पदार्थों पर भी लागू होती है। ऑक्सीजन के साथ जुड़ने वाला हीमोग्लोबिन नीले और हरे रंग के प्रकाश को सोख लेता है और लाल-नारंगी रंग के प्रकाश को वापस कर देता है और इसलिए हमें खून का रंग लाल दिखाई देता है।
साइंस के अनुसार, खून का हरा दिखना पूरी तरह से एक ऑप्टिकल इल्यूजन है। वैज्ञानिकों के अनुसार, नीले रंग की प्रकाश लाल रंग के मुकाबले अपने अंदर टिश्यू को इतनी गहराई तक नहीं भेद पाती हैं, जिसकी वजह से इनमें रंगों को वापस करने की क्षमता ज्यादा होती है। जबकि, लाल रंग की किरणें अंदर तक जा पाती हैं और इनका कुछ ही हिस्सा परावर्तित होकर बाहर दिखाई पड़ता है और यही कारण है कि इन वाहिकाओं का रंग हमें नीला दिखाई देता है।
हिमाचल और देश-दुनिया के ताजा अपडेट के लिए like करे हिमाचल अभी अभी का facebook page